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सरकारी नीतियों के खिलाफ दुनियाभर में किसान सड़कों पर, ब्रिटेन में किसानों ने संसद का घेराव.. बोले-  नो फार्मर, नो फूड नो फ्यूचर

सरकारी नीतियों के खिलाफ दुनियाभर में किसान सड़कों पर, ब्रिटेन में किसानों ने संसद का घेराव.. बोले-  नो फार्मर, नो फूड नो फ्यूचर

भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में सरकारी नीतियों के खिलाफ और अपनी मांगों को लेकर किसान आंदोलित हैं. अब ब्रिटेन के किसानों ने फूड सेक्योरिटी समेत अन्य मांगों को लेकर लंदन की सड़कों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला है और संसद का घेराव किया है. 

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यूरोप समेत दुनियाभर के कई देशों में किसान सरकारी नीतियों से नाराज चल रहे. यूरोप समेत दुनियाभर के कई देशों में किसान सरकारी नीतियों से नाराज चल रहे.

सरकारी नीतियों के खिलाफ और अपनी मांगों को लेकर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बीते कुछ माह से किसान आंदोलित हैं. भारत में किसान फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं तो कुछ सप्ताह पहले यूरोप के कई देशों में किसान सरकारी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर गए थे और अब ब्रिटेन के किसानों ने फूड सेक्योरिटी को लेकर संसद का घेराव और प्रदर्शन किया है. 

नो फार्मर, नो फूड नो फ्यूचर

सस्ते आयात के खिलाफ और फूड सेक्योरिटी को लेकर पूरे यूरोप में किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. ब्रिटेन के किसान भी इन्हीं मांगों को लेकर अब सड़कों पर उतर आए हैं. लंदन की सड़कों पर किसानों के ट्रैक्टरों का ये कारवां ब्रिटिश संसद की तरफ कूच कर रहा है. जहां पहले से तमाम किसान उनका स्वागत करने के लिए मौजूद रहे. किसान यहां पहुंचकर सासंदों पर अपनी मांगे पूरी करने का दबाव बनाना चाहते हैं. बैनर पोस्टर के साथ करीब 50 की संख्या में लंदन की सड़कों पर ये ट्रैक्टर नजर आ रहे हैं. जिसपर लिखा है नो फार्मर, नो फूड नो फ्यूचर. यानि किसान नहीं तो भोजन नहीं और भोजन नहीं तो कोई भविष्य नहीं. 

लंदन की सड़कों पर उतरे किसान, संसद का घेराव 

पूरे यूरोप में प्रदर्शन के बाद अब ब्रिटेन के किसान भी अपनी मांगों को लेकर लंदन की सड़कों पर उतर आए हैं. ये किसान संसद का घेराव कर सस्ते आयात पर लगाम लगाने और फूड सेक्योरिटी को लेकर प्रदर्शन किया. लंदन की सड़कों पर निकाली गई ये रैली सेव ब्रिटिश फार्मिंग एंड फेयरनेस फॉर फार्मर्स ऑफ केंट अभियान समूह की तरफ से निकाली गई है, जो दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड से और राजधानी के दक्षिणी जिलों से होते हुए पार्लियामेंट स्क्वायर की ओर बढ़ी, जहां दर्जनों समर्थक उनके स्वागत के लिए इंतजार कर रहे थे. 

किसान बोले- सरकार नियमों में बदलाव करे 

लंदन की सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे किसानों का आरोप है कि उन्हें लंबे वक्त से नजरअंदाज किया जा रहा है. उनकी मांग है कि सरकार अधिक सटीक खाद्य लेबलिंग लागू करे और देश की फूड सेक्योरिटी में सुधार करे. यही नहीं वो ये भी चाहते हैं कि सरकार ज्यादा आयात के नियमों में बदलाव करे, क्योंकि उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. ब्रिटेन के किसानों की ये रैली पूरे यूरोप में किसानों के प्रदर्शन के बाद निकाली गई है. ये किसान सस्ते आयात प्रतिस्पर्धा से नाराज हैं और सख्त पर्यावरण नियम चाहते हैं.

इन देशों में किसान आंदोलन कर रहे 

सरकारी नीतियों के खिलाफ और अपनी मांगों को लेकर भारत ही नहीं दुनियाभर के कई देशों में किसान आंदोलित हैं. फूड सिक्योरिटी समेत आयात नियमों में बदलाव समेत अन्य मांगों को लेकर यूरोपीय देशों में फरवरी से किसान आंदोलन कर रहे हैं. यूरोपीय देशों में पोलैंड, ग्रीस, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, रोमानिया, इटली, बेल्जियम, पुर्तगाल और लिथुआनिया समेत 9 देशों में किसानों ने प्रदर्शन किया है. जबकि, दक्षिण अमेरिका के कई देशों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ब्राजील में मक्का की कीमतों को लेकर किसानों आंदोलन कर रहे हैं. वेनेजुएला में किसान सस्ते डीजल की मांग को लेकर ने प्रदर्शन किया. जबकि केन्या में कॉफी की कीमतों और मिलों को लेकर किसानों ने आंदोलन किया है. (आजतक ब्यूरो) 

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