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बिहार चौसा पावर प्लांट मामला: जिलाधिकारी ने बताई आंखों देखी घटना, कहा-जिद पर अड़े रहे किसान

बिहार चौसा पावर प्लांट मामला: जिलाधिकारी ने बताई आंखों देखी घटना, कहा-जिद पर अड़े रहे किसान

बक्सर के चौसा एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प का मामला गहराता जा रहा है. यहां पर बक्‍सर जिले के अधिकारी को भी चोटें आई हैं. अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया है कि आखिर ऐसा क्‍या हुआ था जो किसान इतना भड़क गए. जिलाधिकारी के मुताबिक किसानों की तरफ से पथराव किया गया था जिसमें पांच लोग घायल हो गए हैं.

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इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है

बक्सर के चौसा एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प का मामला गहराता जा रहा है. यहां पर बक्‍सर जिले के अधिकारी को भी चोटें आई हैं. अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया है कि आखिर ऐसा क्‍या हुआ था जो किसान इतना भड़क गए. जिलाधिकारी के मुताबिक किसानों की तरफ से पथराव किया गया था जिसमें पांच लोग घायल हो गए हैं.  इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने भी बड़ी कार्रवाई की है. डीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन किसानों से बातचीत कर धरना खत्म कराने की कोशिश कर रहा है. पुलिस और किसानों के बीच झड़प के बाद अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

जिलाधिकारी ने बताई सच्‍चाई 

चौसा थर्मल पावर प्लांट में किसानों और पुलिस के साथ हुए हंगामे के बाद जिलाधिकारी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस घटना के बारे में जानकारी दी है. उन्‍होंने बताया कि किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में करीब 20 पुलिसकर्मी और प्रशासन के लोग घायल हुए . इसमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं.  

जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि प्रदर्शनकारियों से लगातार अनुरोध किया जा रहा था कि आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है. धारा 144 लागू है और ऐसे में आप लोग बिना इजाजत के प्लांट के मुख्य गेट पर भीड़ न लगाए और चौसा पावर प्लांट के मुख्य गेट को खाली कर दें. 

उन्‍होंने कहा कि 20 तारीख को जब प्रशासन के लोग आम जनता और किसानो को हटाने के लिए पहुंचे तो सामाजिक तत्वों की तरफ से उनके ऊपर पथराव किया गया. इसके बाद मजबूरन उन्‍हें जवाबी कार्यवाही करनी पड़ी. हालांकि इस संघर्ष में प्रशासन की तरफ से करीब 20 लोग घायल हुए हैं. जबकि पांच लोग बुरी तरह जख्मी है जिनका इलाज पटना पीएमसीएच में कराया जा रहा है. 

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किसानों की 11 सूत्री मांग 

जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया कि किसानों के 11 एक सूत्री मांग को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है. उनकी मांगों को पूरा करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. ऐसे में लगातार प्लांट को घटा हो रहा था और कामकाज भी प्रभावित होने लगा था. इस वजह से को लेकर प्रशासन ने यह एक्शन लिया है. इसमें किसानों की तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. इसमें कई पुलिस वालों को चोट आई और उसके बाद लाठीचार्ज का आदेश दिया गया था. फिलहाल इस मामले को शांति से निपटाने की कोशिशें की जा रही हैं. 

छोड़ गए आंसू गैस के गोले 

बुधवार को प्रशासन ने बलपूर्वक किसानों को धरना स्थल से हटा दिया था. डीएम और एसपी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस चौसा थर्मल पावर प्लांट पहुंची और लाठीचार्ज कर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बलपूर्वक हटाया. इस दौरान पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया. इस दौरान 5 से 6 राउंड हवाई फायरिंग भी की गयी. डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा है कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी.

(कौशलेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)