संसद में गूंजा किसानों का मुद्दा, MSP, किसान आंदोलन, कर्जमाफी और खाद बोरी का वजन घटाने पर हंगामा

संसद में गूंजा किसानों का मुद्दा, MSP, किसान आंदोलन, कर्जमाफी और खाद बोरी का वजन घटाने पर हंगामा

लोकसभा में कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार को करोड़पतियों का कर्ज माफ करने और किसानों की कर्जमाफी पर चुप्पी साधने के मुद्दे पर घेरा तो हंगामा हो गया. AAP, आरजेडी सांसदों ने भी MSP, खाद बोरी के कम वजन, महंगाई, किसानों की आय, मजदूरी समेत किसानों से जुड़े कई मुद्दों पर सरकार को घेरा.

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संसद में गूंजा किसानों का मुद्दा, MSP, किसान आंदोलन, कर्जमाफी और खाद बोरी का वजन घटाने पर हंगामासंसद के दोनों सदनों में बजट चर्चा के दौरान किसानों से जुड़े मुद्दों जमकर बहस हुई.

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट चर्चा के दौरान किसानों से जुड़े मुद्दों पर जमकर बहस हुई. लोकसभा में कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार को करोड़पतियों का कर्ज माफ करने और किसानों की कर्जमाफी पर चुप्पी साधने के मुद्दे पर घेरा तो हंगामा हो गया. वहीं, राज्य सभा में आप सांसद राघव चड्ढा और आरजेडी सांसद संजय यादव ने किसानों की आय, फसलों पर एमएसपी, खाद की बोरी का वजन घटाने और फल-सब्जी, दुकानों और ढाबों पर नाम लिखने के यूपी सरकार के फैसले पर केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आईना दिखाया. 

किसानों को खालिस्तानी कहे जाने के मुद्दे पर हंगामा  

लोकसभा में बजट चर्चा के दौरान पंजाब से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने बोलते हुए किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. चन्नी ने कहा कि किसानों को खालिस्तानी कहा जाता है, इस पर तीखी बहस हो गई और संसद की कार्यवाही को रोकना पड़ा. कुछ देर बाद संसद की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो चन्नी ने कहा कि देश के किसान का कर्ज माफ किया जाए. उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि करोड़पतियों का कर्ज माफ करते हो. किसान मजदूरों का भी कर्ज माफ किया जाए. 

केंद्र की तरफ इशारा करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि जो झूठे होते हैं उन्हें दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसान पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं. किसान सरकार से मिलने के लिए दिल्ली आए पर उन्हें रोक दिया गया. हरियाणा में पक्का बेरीकेड लगाकर रास्ता बंद किया गया और किसानों को दिल्ली नहीं आने दिया जा रहा है. उन्होंने सत्तापक्ष से कहा कि किसान आपका दुश्मन क्यों है.

आटा-दूध-दाल सब महंगा पर किसानों को नहीं मिल रहा दाम  

राज्यसभा में बजट चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने महंगाई, टैक्स और किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि बजट में किसान के कर्ज को लेकर कोई बात नहीं है, फसलों की एमएसपी पर कोई बात नहीं है. इस पर हंगामा हो गया है. आगे राघव चड्ढा ने कहा कि रूरल इनकम ग्रोथ दशक के निचले स्तर पर है. रूरल वेजेस निचले स्तर पर हैं. उन्होंने आगे कहा कि 2014 में बिहारी मजदूर 1 दिन की दिहाड़ी से 3 किलो दाल खरीदता था अब डेढ़ किलो दाल खरीद पा रहा है.

राघव चड्ढा ने कहा कि खाद्य महंगाई दर बढ़ने से थाली का बजट बढ़ गया. आटा, दूध, तेल सब महंगा है. सब कमोडिटीज महंगी हो गई हैं, लेकिन उसका पैसा किसान को नहीं मिल रहा है. सांसद ने कहा कि 2014 में दूध 30 रुपये था और आज 70 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है. देश में घी का दाम 300 रुपये में था जो आज 675 रुपये हो गया है.

सरकार को सुधार करने की सलाह देते हुए राघव चड्ढा ने आगे कहा कि न्यूनतम मजदूरी आय को महंगाई दर से जोड़ा जाए. उन्होंने इसके लिए बेल्जियम देशों में लागू प्रणाली का उदाहरण दिया. सांसद ने कहा कि जब किसान खुले बाजार में फसल बेचता है तो मिनिमम प्राइस तय किया जाए. फसलों पर लीगल गारंटी दी जाए. प्रॉपट्री बिक्री पर इंडेक्शेसन बेनेफिट हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि इंडेक्शेसन को हटाने का फैसला वापस लिया जाए, नहीं तो प्रॉपर्टी के रेट गिर जाएंगे, रियल एस्टेट सेक्टर में ब्लैक मनी आ जाएगी.

खाद की बोरी का दाम बढ़ाने, वजन घटाने पर कोसा 

राज्यसभा में बिहार से आरजेडी के सांसद संजय यादव ने बजट में किसानों को दरकिनार करने पर सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बजट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं. किसानों को फसल का दाम नहीं मिलता है, बजट में एमएसपी को लीगल करने की कोई बात नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये लोग 100 रुपये फसल की कीमत बढ़ाकर कहते हैं दाम बढ़ा दिया है पर ये बात नहीं बताते हैं कि खाद की बोरी की कीमत 200 रुपये बढ़ा दी है और बोरी का वजन भी घटा देते हैं. 

इंडिया गेट में सबसे ज्यादा मुस्लिम शहीदों के नाम - आरजेडी सांसद 

आरजेडी सांसद ने आगे कहा कि आज देश में बेरोजगार लोगों में 83 फीसदी युवा हैं. हर दूसरा ग्रेजुएट बेरोजगार है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 83 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, उनके पास कोई काम नहीं है. सांसद ने कहा कि तेजस्वी मॉडल को अपनाकर बेरोजगारी दूर की जा सकती है. सांसद ने फल-सब्जी, ढाबों, दुकानों पर विक्रेता का नाम लिखने के यूपी सरकार के फैसले को बंटवारा करने की कोशिश कहते हुए आलोचना की. उन्होंने कहा कि इंडिया गेट में लिखे शहीदों के नामों में सबसे ज्यादा नाम मुसलमानों के हैं, सिखों के हैं. 

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