राजस्थान के किसानों ने आज शनिवार को चक्का जाम का ऐलान किया है. श्रीगंगानगर, बीकानेर संभाग के किसानों ने सिंचाई के लिए पानी की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम का आह्वान किया है. रबी फसल के लिए इंदिरा गांधी नहर से अतिरिक्त सिंचाई के लिए किसान पानी की मांग को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिन प्रशासन के साथ किसानों की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद नाराज किसानों ने चक्का जाम का फैसला किया है. किसान घड़साना टोल पोस्ट के साथ सतासर और बीकानेर-श्रीगंगानगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन करेंगे.
फसलों को बचाने के लिए पानी की मांग को लेकर राजस्थान के घड़साना, अनूपगढ़, खाजूवाला और रावला क्षेत्रों के किसान अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बीकानेर संभाग और श्रीगंगानगर जिले के किसानों ने रबी फसलों के लिए इंदिरा गांधी नहर से अतिरिक्त सिंचाई पानी नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ती जा रही है. एजेंसी के अनुसार पानी की मांग को लेकर प्रशासन के साथ किसानों को वार्ता विफल होने के बाद आज शनिवार को चक्का जाम का आह्वान किया गया है.
किसानों ने घड़साना टोल पोस्ट पर राष्ट्रीय राजमार्ग-911 और 620 आरडी के पास सतासर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने की योजना की घोषणा की है. लूनकरनसर (Lunkaransar) के किसान भी बीकानेर-श्रीगंगानगर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करेंगे. यातायात बहाल रखने के लिए जिला प्रशासर सतर्क है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.
किसानों के विरोध का समर्थन कर रहीं अनूपगढ़ विधायक शिमला देवी ने कहा कि मैंने सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी की मांग करते हुए चल रहे राजस्थान विधानसभा सत्र में यह मुद्दा उठाया है. हम जल संसाधन मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन धरना जारी है और किसान शनिवार को अपने आंदोलन के तहत राजमार्गों को अवरुद्ध करेंगे. विधायक ने यह भी बताया कि राजस्थान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) का सदस्य नहीं है, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ को पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करता है.
किसान सुभाष बिश्नोई ने कहा कि अगर हमें अतिरिक्त सिंचाई पानी मिले तो हमारी फसलें बच सकती हैं. लेकिन, सरकार ने पानी की आपूर्ति बंद कर दी है, जिससे हमारी फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं. किसान अजमेर सिंह ने कहा कि पानी की कमी के कारण खेतों में खड़ी फसलें सूख रही हैं, जिससे भारी नुकसान हो रहा है. कई किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं, उन्होंने बुवाई के लिए बैंकों से कर्ज लिया है या साहूकारों से उधार लिया है. अब जब फसलें सूखने के कगार पर हैं, तो कड़ी मेहनत और पैसा बर्बाद होता दिख रहा है.
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