किसानों से नहीं खरीदेंगे दूध क्योंकि कांग्रेस को वोट दिया है...कर्नाटक में शुरू हुआ नया बखेड़ा

किसानों से नहीं खरीदेंगे दूध क्योंकि कांग्रेस को वोट दिया है...कर्नाटक में शुरू हुआ नया बखेड़ा

लोकसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेडी (एस) गठबंधन ने सबसे ज्‍यादा सीटें हासिल की हैं. अब इन नतीजों की वजह से यहां पर नया बवाल शुरू हो गया है. जो खबरें आ रही हैं, उसके तहत कर्नाटक के हासन के पास सोमनहल्ली गांव में लोगों ने शिकायत की है कि कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की वजह से उनसे दूध नहीं खरीदा जा रहा है. 

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किसानों से नहीं खरीदेंगे दूध क्योंकि कांग्रेस को वोट दिया है...कर्नाटक में शुरू हुआ नया बखेड़ाकर्नाटक में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कर्नाटक में नया बवाल

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेडी (एस) गठबंधन ने सबसे ज्‍यादा सीटें हासिल की हैं. अब इन नतीजों की वजह से यहां पर नया बवाल शुरू हो गया है. जो खबरें आ रही हैं, उसके तहत कर्नाटक के हासन के पास सोमनहल्ली गांव में लोगों ने शिकायत की है कि कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की वजह से उनसे दूध नहीं खरीदा जा रहा है. 

जेडी (एस) के पास समिति 

सोमनहल्‍ली गांव के लोगों ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नर ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया है. इन गांव वालों ने शिकायत की कि गांव में दूध उत्पादकों की सहकारी समिति ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने के कारण उनसे दूध लेने से इनकार कर दिया. अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार गांव वालों का कहना है कि समिति का संचालन जेडी(एस) से जुड़े लोगों की तरफ से किया जाता है और समिति के सचिव ने उनसे दूध लेने से इनकार कर दिया था. 

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आरोपों की जांच का वादा 

आमतौर पर, ग्रामीणों से खरीदा गया दूध, दूध उत्पादकों की सहकारी समितियों की तरफ से हासन दूध संघ को भेजा जाता है. इसके बदले में दूध उत्पादकों को संघ की तरफ से हर हफ्ते के अनुसार पेमेंट की जाती है. प्रदर्शनकारियों ने हासन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष सोमनहल्ली नागराजू और जेडी(एस) के बाकी नेताओं पर स्थानीय दूध उत्पादकों की समिति पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. प्रदर्शनकारियों ने डीसी को एक ज्ञापन सौंपा. हालांकि, हासन सहकारी दूध उत्पादकों की समिति संघ (एचएएमयूएल) के प्रबंध निदेशक एच. महेश ने बताया कि वह आरोपों की जांच करेंगे. 

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क्‍या रहे नतीजे 

उत्पादकों से दूध इकट्ठा करने की प्रक्रिया का किसी राजनीतिक दल, जाति या किसी और पहचान से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, 'समितियां इस आधार पर दूध लेने से इनकार नहीं कर सकतीं.' कर्नाटक में लोकसभा की 28 संसदीय सीटें हैं.  बीजेपी ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि जेडी(एस) ने हसन, मांड्या और कोलार सहित तीन सीटों पर चुनाव लड़ा. वहीं, कांग्रेस ने सभी 28 सीटों पर चुनाव लड़ा. 

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