पीएम मोदी से मिले फडणवीस, महाराष्ट्र के किसानों के लिए मांगी वित्तीय सहायता, विपक्ष ने दी ये चेतावनी

पीएम मोदी से मिले फडणवीस, महाराष्ट्र के किसानों के लिए मांगी वित्तीय सहायता, विपक्ष ने दी ये चेतावनी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकत की और बाढ़-बारिश से प्रभावित किसानों के लिए वित्तीय मदद मांगी है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने फसल नुकसान का सामना कर रहे हजारों किसानों के लिए सरकार से पर्याप्त राहत पैकेज और ऋण माफी की मांग की और साथ ही आंदोलन शुरू करने की भी घोषणा की है.

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पीएम मोदी से मिले फडणवीस, महाराष्ट्र के किसानों के लिए मांगी वित्तीय सहायता, विपक्ष ने दी ये चेतावनी   दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की (Facebook/PMO INDIA)

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों के लिए केंद्र से वित्तीय मदद मांगी है, जबकि विपक्ष ने फसल नुकसान का सामना कर रहे हजारों किसानों के लिए पर्याप्त राहत पैकेज और कर्ज माफी की मांग की. फडणवीस ने नई दिल्ली में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद करने का आग्रह किया, जिन्हें हाल ही में राज्य में हुई भारी बारिश, खासकर मराठवाड़ा, जो एक सूखा क्षेत्र है और वहां इस बार अभूतपूर्व बारिश हुई है, इस कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है.

'राहत पैकेज लेकर ही दिल्ली से लौटें मुख्यमंत्री'

वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए तत्काल राहत की मांग करते हुए, विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अलग-अलग विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है और सरकार से राज्य में "अतिवृष्टि" घोषित करने पर जोर दिया है. शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि फडणवीस को मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सहायता मांगनी चाहिए और पीएम केयर्स फंड का उपयोग करके तत्काल ऋण माफी करनी चाहिए, जबकि कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए पर्याप्त राहत पैकेज सुनिश्चित करने के बाद ही दिल्ली से लौटना चाहिए. इसी को लेकर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे फडणवीस ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा और भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मैंने अपनी और दोनों उप-मुख्यमंत्रियों की ओर से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है. हमने उन्हें महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति और नुकसान की जानकारी दी है और उनसे NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष) के माध्यम से राज्य की पूरी मदद करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजने को कहा है जिस पर रचनात्मक रूप से विचार किया जाएगा. 

किसानों की कर्जमाफी पर कही ये बात

किसानों को कर्ज माफी देने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि इस मुद्दे की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है और सरकार का ध्यान इस बात पर है कि इस कदम को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि घोषणा पत्र में दिए गए कर्जमाफी के आश्वासन को हम निश्चित रूप से पूरा करेंगे. इस संबंध में एक समिति गठित की गई है जो कर्जमाफी पर फैसला करेगी. कर्जमाफी बार-बार नहीं की जा सकती, इसलिए इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि इसे और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ (ग्रीष्म) फसलों के लिए लिया गया ऋण अगले साल चुकाना होंगा. उन्होंने कहा,  कि किसानों की तात्कालिक चिंता उनके खातों में मदद है. इसलिए यह (वित्तीय) सहायता प्रदान करना हमारी प्राथमिकता होगी.

मराठवाड़ा के किसानों के लिए 1,500 करोड़ रुपये की मंजूरी

संभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्य सरकार ने मराठवाड़ा (जिसमें आठ जिले हैं) में इस साल मई और अगस्त के बीच भारी बारिश के कारण फसल नुकसान झेलने वाले किसानों को 1,500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि राज्य हाल ही में आई बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने को भी प्राथमिकता दे रहा है. पापलकर ने कहा कि हम आकलन कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में, हमारी प्राथमिकता किसानों को मुआवजा देने के अलावा, जान गंवाने वालों, अपने पशुओं और घरों को खोने वालों के परिजनों की मदद करना है.

किसानों के लिए आंदोलन शुरू करेगी कांग्रेस

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए बुलढाणा में कहा कि उनकी पार्टी 3 अक्टूबर को आंदोलन शुरू करेगी क्योंकि भारी बारिश के बाद राज्य सरकार का सहायता पैकेज बहुत कम है और प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 3,000 रुपये भी नहीं मिलेंगे. सपकाल ने मांग की कि सरकार को "अतिवृष्टि" घोषित करना चाहिए, प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये का मुआवज़ा देना चाहिए, बह गई ज़मीन के लिए 2 लाख रुपये प्रति एकड़, रबी (सर्दियों) के मौसम के लिए मुफ़्त बीज और उर्वरक और व्यापक कर्ज माफी देनी चाहिए. "अतिवृष्टि" एक मौसम संबंधी घटना है जिसमें किसी क्षेत्र में प्रचुर वर्षा होती है, लेकिन पानी की उपलब्धता कम रहती है, जिससे कृषि को नुकसान होता है.

शरद पवार ने सरकार से किया ये आग्रह

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे किसानों को सहायता के मुद्दे पर 11 अक्टूबर को मराठवाड़ा में एक विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे. एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में भारी बारिश से हुए व्यापक नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभूतपूर्व आपदा ने किसानों को तबाह कर दिया है और ग्रामीण जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. उन्होंने सरकार से राहत और पुनर्वास प्रयासों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. 

एक्स पर एक पोस्ट में, पूर्व कृषि मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस आपदा ने न केवल फसलों को नष्ट कर दिया है, बल्कि बड़े पैमाने पर पशुधन की भी मौत हुई है, जिससे कृषक समुदाय संकट में है. उन्होंने कहा कि छोटे और बड़े व्यवसाय, कारीगर, खेतिहर मजदूर भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डालते हुए, पवार ने ईंधन और आवश्यक खाद्य आपूर्ति की भारी कमी की ओर इशारा किया और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को तत्काल सक्रिय और सुदृढ़ करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "बीमारियों के फैलने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है और स्वास्थ्य सेवाएँ बिना किसी देरी के उपलब्ध कराई जानी चाहिए." (सोर्स- PTI)

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