केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. लैंडस्लाइड की वजह से चार गांव पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और अभी तक 256 लोगों के मारे जाने की खबर है. कांग्रेस नेता एवं वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को केरल पहुंचे. दोनों ने वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान राहुल ने कहा कि आज उन्हें वैसा ही महसूस हो रहा है जैसा अपने पिता राजीव गांधी की मौत पर हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरी दिलचस्पी इस वक्त राजनीति में नहीं वायनाड के लोगों में हैं.
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'यह वायनाड के लिए, केरल के लिए और देश के लिए एक भयानक त्रासदी है. हम यहां स्थिति को देखने आए हैं. यह देखना दर्दनाक है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है.' राहुल ने कहा, 'हम मदद करने की कोशिश करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले. उनमें से बहुत से लोग स्थानांतरित होना चाहते हैं. यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है. मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और वॉलंटियर्स का धन्यवाद देना चाहता हूं.'
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राहुल गांधी ने कहा, 'मेरे लिए यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है. देखते हैं सरकार क्या कहती है. मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर बात करने का समय है. यहां के लोगों को मदद की जरूरत है. अभी समय यह सुनिश्चित करने का है कि सभी को मदद मिले. मेरी इस वक्त राजनीति में दिलचस्पी नहीं है. मेरी दिलचस्पी वायनाड के लोगों में है.'
उन्होंने कहा, 'आज, मुझे वैसा ही महसूस हो रहा है जैसा मेरे पिता की मृत्यु पर हुआ था. यहां लोगों ने सिर्फ एक पिता नहीं बल्कि पूरे परिवार को खो दिया है. हम सभी इन लोगों के सम्मान और स्नेह के ऋणी हैं. पूरे देश का ध्यान इस वक्त वायनाड की ओर है.' राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज वायनाड में ही रुकेंगे.
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प्रियंका ने कहा, 'आज हमने पीड़ितों से मिलने में पूरा दिन बिताया. यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है. हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि लोग किस दर्द से जूझ रहे हैं. हम यहां उनकी मदद करने के लिए आए हैं. हिमाचल प्रदेश में भी एक बड़ी त्रासदी हुई है. कल हम योजना बनाएंगे कि हम किसी तरह मदद कर सकते हैं खासकर उन बच्चों की जो अब अकेले रह गए हैं.'
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भारतीय सेना द्वारा वायनाड में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है. पुल की मजबूती का परीक्षण करने के लिए सेना पहले अपने वाहनों को नदी के दूसरी ओर ले गई. काम पूरा होने के बाद निर्माण में शामिल सेना के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. पुल के बन जाने से अब भारी वाहनों को भूस्खलन स्थल तक ले जाया जा सकेगा.
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सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन गई. रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई. वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य की कमान भारतीय सेना के हाथों में हैं.
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मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान (एचएडीआर) के तहत भारतीय सेना ने वायनाड में विनाशकारी भूस्खलनों के बाद फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है. चिकित्सा कर्मचारियों सहित लगभग 500 कर्मियों को तैनात किया गया है.
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