कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ओर टोंक से विधायक व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव लड़ने औ केंद्र की राजनीति में जाने का उनका किसी तरह का इरादा नहीं है. निजी यात्रा पर टोंक आये पायलट ने साफ कर दिया है कि उनका और राजस्थान का अटूट रिश्ता है. ऐसे में मरते दम तक वह राजस्थान में ही राजनीति ही करना चाहते हैं. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान की जनता से मेरा रिश्ता आखरी सांस तक का है. पायलट ने यह कहते हुए साफतौर पर संकेत दे दिए है कि अब वह राजस्थान से लोकसभा चुनाव नही लड़ेंगे ओर वह प्रदेश की राजनीति में सक्रियता से अपनी भूमिका निभाएंगे.
पायलट ने राजस्थान में लोकसभा की 10 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के टिकट की घोषणा पर कहा कि हमने सभी बातों को ध्यान में रखकर जिताऊ ओर मजबूत प्रत्याशी उतारे है. पायलट ने कहा कि इस बार कांग्रेस के लिये पहले से बेहतर परिणाम देखने को मिलेगें और हम प्रदेश में ओर देश मे इंडिया गठबंधन के रूप में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे.
पायलट ने कांग्रेस की दूसरी सूची में राजस्थान में 10 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो जिताऊ उम्मीदवार थे उन्हें कांग्रेस ने पहली सूची में मौका दिया है. पायलट ने कहा कि प्रदेश में पिछले 10 सालों से सभी सांसद भाजपा के हैं. उनका रिपोर्ट कार्ड जनता के पास मौजूद है कि आखिर उन्होंने किया क्या है? ऐसे में कांग्रेस ने बड़ा अध्ययन करने के बाद ही जिताऊ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
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पायलट ने खुद के और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लोकसभा चुनावों में मैदान में उतारे जाने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस और सीईसी तय करती है कि किस को कहां से चुनाव लड़ाया जाना है. ऐसे जो सूची आई है या आने वाली ही उसमें जिताऊ लोगों को ही मौका मिलने वाला है.
राहुल कस्वा के कांग्रेस में आने और प्रत्याशियों की पहली ही सूची में उनका नाम शामिल किये जाने पर पायलट ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि भाजपा के वर्तमान सांसद हमारी पार्टी में इस लिये आये हैं क्योंकि वे हमारी पार्टी के लंबे इतिहास और विचारधारा से प्रभावित थे.
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार के पूर्व मंत्रियों कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने पर पायलट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जब पार्टी छोड़ता है उनकी क्या मजबूरियां और परिस्थितियां रही होगीं यह तो मैं नहीं जानता. लेकिन अचानक इतना बड़ा ह्रदय परिवर्तन होना वह चुनाव से ठीक पहले ऐसे जनता सवाल पूछ सकती है ऐसा चुनाव से ठीक पहले क्यों हुआ? पायलट ने कहा कि यह सब सोचने का विषय है लेकिन हमारी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ रही है पार्टी छोड़कर जाने वालों को जनता जवाब देगी.
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लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता से ठीक पहले देश मे मोदी सरकार के CAA लागू करने के फैसले पर पायलट ने कहा कि यह तो बहुत पुराना मामला है. खुशी तब होती जब केंद्र सरकार इससे पहले किसानों के लिए MSP या जनता के हित के लिए कोई कानून लेकर आती. पायलट ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि वह 400 पार की बात तो करती है लेकिन जब वे इतने आश्वस्त हैं तो फिर दूसरी पार्टी के लोगो को अपनी पार्टी में लेकर क्यों चुनाव लड़वा रहे हैं.पायलेट ने कहा कि भाजपा कहती कुछ है और करती कुछ ओर है.
पायलट ने कहा की हमने 10 उम्मीदवार घोषित किये हैं और जो 15 उम्मीदवारों घोषित होने है वह भले ही एक-एक व्यक्ति लेकिन उन्हें विजय दिलवाना पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है. पायलट ने कहा कि अब पूरी पार्टी एकजुट होकर पूरी पार्टी पूरी एक साथ चुनाव लड़ेगी पायलट ने चुनाव लड़ेगी और उन्हें विजय दिलवायेगी.
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को जोधपुर से पिछला चुनाव हारने के बावजूद सीट बदलकर जालोर-सिरोही से टिकट दिए जाने के सवाल पर पायलट ने कहा कि राजनीति में हार जीत चलती रहती है. पायलट ने कहा कि जो भी टिकट वितरण हुआ है वह कांग्रेस पार्टी की सेंट्रल लीडरशिप ने किया है.इसमें परिस्थितियों और जनता की मांग को भी देखा गया है लिहाजा हम जहां भी होगा मज़बूती से चुनाव लड़ेगें.
पायलट ने राजस्थान की जनता से अपने रिश्ते पर पूछे गये सवाल पर कहा कि यह रिश्ता जीवन की अंतिम सांस तक रहेगा. पायलट ने अपने इस जवाब से यह संकेत भी दे दिये कि उनकी रूचि राजस्थान की राजनीति में है और वह प्रदेश के राजनैतिक पिच पर ही जमे रहना चाहते हैं. सचिन पायलट बीती देर शाम अरनिया केदार गांव में रखी गयी एक भजन संध्या में भाग लेने के लिये आये थे. इससे पहले पायलट टोंक में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे जहां कांग्रेस पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
(मनोज तिवारी की रिपोर्ट)
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