किसानों की आत्महत्यासंसद का शीतकालीन सत्र जारी है. इस दौरान कई नेता किसानों के मुद्दे पर प्रश्न पूछ रहे हैं. इस बीच, NCP-(शरदचंद्र पवार)की सांसद फौजिया खान ने गुरुवार यानी 11 दिसंबर को राज्यसभा में कहा कि पिछले तीन महीनों में महाराष्ट्र में 766 किसानों ने आत्महत्या की है. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि किसान कब "सरकार के प्यारे हो जाएंगे". दरअसल, राज्यसभा में जीरो आवर के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए, फौजिया खान ने कहा कि किसानों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र देश में सबसे आगे है. वहीं, राज्य सरकार ने विधानसभा को तीन महीनों में 766 आत्महत्या के बारे में बताया है.
सांसद फौजिया खान कहा कि 766 से 676 किसान परिवारों को सरकारी मदद मिली है, जबकि 100 किसान परिवारों को सरकारी मदद देने से मना कर दिया गया है. फौजिया खान ने कहा कि इस साल भारी बारिश और बड़े पैमाने पर बाढ़ के बाद 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा के बावजूद, जमीनी हकीकत अलग थी.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया था कि मंत्रालय को महाराष्ट्र से अतिरिक्त मदद मांगने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला. फौजिया खान ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह के जवाब का हवाला देते हुए कहा कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के तहत किसानों को 4,176 करोड़ रुपये दिए गए, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 3,180 करोड़ रुपये था. लेकिन 1,13,455 किसानों के बैंक अकाउंट में सिर्फ 82 करोड़ रुपये जमा किए गए. उन्होंने कहा कि गरीब किसान इन नंबरों से हैरान हैं.
NCP-(शरदचंद्र पवार) की सांसद ने डेटा में अंतर को हाईलाइट करते हुए कहा कि राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि बाढ़ से 19 जिलों में 14.36 लाख हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई, जबकि केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में सिर्फ़ 1,10,309 हेक्टेयर का ज़िक्र है. फौजिया खान ने कहा कि 14 लाख हेक्टेयर कहां हैं, और एक लाख हेक्टेयर कहां है? यह किसानों के साथ गलत और मज़ाक है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मॉनसून महाराष्ट्र में आया बाढ़ को आम मौसमी झटका नहीं था, बल्कि लाखों किसानों पर असर डालने वाली एक बड़ी आपदा थी, जिसमें लाखों किसानों के घर और फसलें तबाह हो गई, और तर्क दिया कि मौजूदा फसल बीमा फ्रेमवर्क के तहत कवरेज अभी भी काफ़ी नहीं है. फौजिया खान ने पूछा कि मेरा सरकार से एक सवाल है कि आखिर किसान सरकार के लिए कब प्यारे हो जाएंगे?
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