कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि एनडीए सरकार 'गलती से बनी है' और इसका गिरना निश्चित है. खड़गे 14 जून को बेंगलुरु में थे और यहां पर उन्होंने यह बात कही. उनकी इस बात पर एनडीए के नेताओं का भी बयान आया है. खड़गे का कहना था कि एनडीए की सरकारी गलती से बनी है. हालांकि वह यह कहना भी नहीं भूले कि देश के लिए जो अच्छा हो, वही हो और कांग्रेस पार्टी यही चाहती है. एनडीए की अगुवाई करने वाली बीजेपी ने इस बार अपने लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार का टारगेट सेट किया था लेकिन पार्टी बहुमत से दूर रही और सिर्फ 240 पर ही सिमट गई.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'एनडीए सरकार गलती से बनी है. मोदी के पास जनादेश नहीं है. यह अल्पमत की सरकार है. यह सरकार कभी भी गिर सकती है. उन्होंने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि यह जारी रहे, यह देश के लिए अच्छा हो. हमें देश को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की आदत है कि वे किसी अच्छी चीज को जारी नहीं रहने देते. मगर हम देश को मजबूत बनाने की दिशा में सहयोग करेंगे.'
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उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिनों पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी अपने गठबंधनों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी और गठबंधन सरकार पर खड़गे के आरोपों पर एनडीए सहयोगियों की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया आई. उनसे कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकारों के प्रधानमंत्रियों के स्कोरकार्ड उपलब्ध कराने को कहा गया. जेडी(यू) ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों के इतिहास को खंगाला और पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल का हवाला देते हुए खड़गे की आलोचना पर सवाल उठाया.
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बिहार के पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने खड़गे की बुद्धि पर सवाल उठाया. उन्होंने उनसे पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की कांग्रेस नीत सरकारों के स्कोरकार्ड के बारे में पूछा. उन्होंने याद दिलाया कि 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास भी बीजेपी की मौजूदा सीटों के बराबर ही सीटें थीं. बहुमत हासिल न करने के बावजूद कांग्रेस ने नरसिंह राव के नेतृत्व में अल्पमत की सरकार बनाई. राव की रणनीतिक राजनीतिक चालों ने आखिरकार उनकी सरकार की स्थिति मजबूत की और दो साल के भीतर उसे बहुमत में पहुंचा दिया.
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एनडीए सरकार पर खड़गे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, 'एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है. हमने 292 लोकसभा सीटें जीती हैं. मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष की भूमिका निभाने की सलाह देता हूं. ' अठावले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष हैं और एनडीए गठबंधन के सहयोगी हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, ''मैं बस इतना ही कहूंगा कि गलती से उन्हें कुछ ताकत मिल गई है. ' मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के संस्थापक अध्यक्ष हैं, जो केंद्र में एनडीए का सहयोगी है.
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हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा को कुल 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम थी, और पार्टी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा. जिन चार सहयोगियों के समर्थन से बीजेपी ने रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने में मदद की, वे हैं एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, जिसने 16 सीटें जीती हैं, नीतीश कुमार की जेडीयू (12), एकनाथ शिंदे की शिवसेना (7) और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (5).
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