क़ृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की दिल्ली में हुई एक बैठक में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसानों के कई मुद्दे उठाए. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने, मनरेगा को कृषि से जोड़ने, कृषि उत्पादों पर जीएसटी खत्म करने और नैनो यूरिया और डीएपी की बाध्यता खत्म करने जैसी मांग को उठाकर सरकार का ध्यान खींचा. रबी सीजन की फसलों की एमएसपी तय करने के संबंध में बुलाई गई बैठक में जाट ने कहा कि तिलहन-दलहन और मोटे अनाजों की खरीद पर लगी सीलिंंग खत्म करके एक नई खरीद नीति तैयार करनी चाहिए. यही नहीं कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात, शुल्क और न्यूनतम निर्यात मूल्य में अंतिम निर्णय करने का अधिकार वित्त मंत्रालय से हटाकर कृषि मंत्रालय को देना चाहिए.
मनरेगा को कृषि से जोड़ने, कृषि उत्पादन पर जीएसटी कम करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की सार्थकता के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने जैसी अनुशंसा आयोग की ओर से पहले की गई थी. जाट ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन अनुशंसाओं पर सार्थक पहल नहीं की. इसलिए इन अनुशंसाओं को दोहराने का भी आग्रह किया गया है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा अब तक की गई गैर मूल्य अनुशंसाओं की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता जताई गई जिससे कितनी गैर मूल्य अनुशंसाओं पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई, इसकी जानकारी किसानों को मिल सकेगी.
इस बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगतियों को लेकर एक प्रतिवेदन तैयार कर आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इनके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्र में बे-सहारा गाय और बंदरों से होने वाली फसलों की क्षति को रोकने का आग्रह किया गया. ज़ायद में उगने वाली मूंग की खरीद नहीं होने से किसानों को हुए घाटे पर चिंता जाहिर की गई. इस बैठक में अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की जिनमें ऑल इंडिया किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक, भारतीय किसान संघ, सीफा, पीजेंट फार्मर एसोसिएशन, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा आदि प्रमुख हैं.
क़ृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक नई दिल्ली में स्थित डां. अंबेडकर अंतर राष्ट्रीय केंद्र भवन में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. विजय पॉल शर्मा आयोग के अध्यक्ष ने की. उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने और आयातित तिलहन और दलहन की उपजों का उत्पादन कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए क़ृषि उत्पादों की लागत कम करने के लिए प्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित किए.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today