केंद्र सरकार अड़ियल रवैया छोड़े, किसान नेता डल्लेवाल से तुरंत करे बात: सीएम मान

केंद्र सरकार अड़ियल रवैया छोड़े, किसान नेता डल्लेवाल से तुरंत करे बात: सीएम मान

सीएम भगवंत मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगें केंद्र से जुड़ी हुई हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की है. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि डल्लेवाल की जान खतरे में है, और केंद्र सरकार ने उनकी मांगों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करनी चाहिए. अगर यही स्थिति रही, तो और भी किसान अपने जीवन की कीमत पर संघर्ष करेंगे."

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केंद्र सरकार अड़ियल रवैया छोड़े, किसान नेता डल्लेवाल से तुरंत करे बात: सीएम मान पंजाब के सीएम भगवंत मान

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर किसानों से बातचीत न करने के लिए जमकर हमला बोला. यह बयान 70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के 38वें दिन के मौके पर आया, जो कि केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं.

सीएम भगवंत मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगें केंद्र से जुड़ी हुई हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की है. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि डल्लेवाल की जान खतरे में है, और केंद्र सरकार ने उनकी मांगों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करनी चाहिए. अगर यही स्थिति रही, तो और भी किसान अपने जीवन की कीमत पर संघर्ष करेंगे."

मान ने आगे कहा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की चिंता सर्वोपरि है, और राज्य सरकार ने उनकी देखभाल के लिए सभी कदम उठाए हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का संवाद नहीं किया जा रहा.

किसान आंदोलन और पंजाब की समस्याएं

सीएम भगवंत मान ने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर फरवरी से किसानों का आंदोलन जारी है. इन दोनों मोर्चों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार की चंडीगढ़ में कई दौर की बैठकें हुई थीं, जिसमें मैंने भी बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. फिर देश में आम चुनाव आ गए, और इसके बाद बैठकें पूरी तरह से ठप हो गईं. सीएम ने कहा, "पंजाब बंद से राज्य की अर्थव्यवस्था को 100 करोड़ का घाटा हुआ.

मान ने कहा, आम लोग परेशान हो गए, लेकिन दिल्लीवालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. इससे पहले दिल्ली में 13 महीने तक 3 कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन चला, जिसके बाद पीएम मोदी ने उन कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया था. लेकिन अब केंद्र सरकार फिर से उन कानूनों को नए सिरे से लागू करने की तैयारी में है." उन्होंने बताया कि डल्लेवाल पिछले 38 दिनों से मरणव्रत पर हैं और उनकी सेहत का ध्यान रखने के लिए वहां 50 डॉक्टरों की टीम तैनात है. "मैंने खुद परसों डल्लेवाल से फोन पर बात की और उनसे अपील की. उनका मरणव्रत 38 दिनों से जारी है, लेकिन केंद्र सरकार से अब तक कोई बातचीत नहीं हुई. किसानों की सभी मांगें केंद्र से जुड़ी हुई हैं, लेकिन उन्हें बातचीत के लिए न्योता नहीं दिया जा रहा."

सीएम मान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत का खयाल रखने की बात कही है, और हम इसके लिए सभी इंतजाम कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि वह अपना अड़ियल रवैया छोड़े, क्योंकि इससे मामला और भी बिगड़ सकता है. "बातचीत से ही मसलों का हल निकलता है," उन्होंने कहा. सीएम ने केंद्र सरकार को दो टूक कहा, "पंजाब में नई कृषि नीति को लागू नहीं किया जाएगा. पहले अन्य राज्यों में इस पर चर्चा करें, फिर हम देखेंगे."

आम आदमी पार्टी का आरोप

मान ने कहा, केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की कोशिश कर रही है. आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार 2021 में किसानों के बड़े विरोध के बाद वापस लिए गए तीन "काले" कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की योजना बना रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी किसानों से कोई संवाद नहीं कर रही है, जो पंजाब-हरियाणा सीमा पर अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है.

शंभू बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मामले में आज सुनवाई की. जस्टिस सुर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई की. पीठ ने कहा, "मैम गिल, आप अहम भूमिका निभा सकती हैं. कृपया टकराव की सोच न रखें. हमारे पास पंजाब से जुड़े कुछ पूर्व न्यायधीशों की समिति है, वे सभी शिक्षित और अनुभवी हैं. अब उस समिति के होने से हम सीधे किसानों से संवाद नहीं कर सकते." न्यायमूर्ति भुइयां ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "केंद्र सरकार बयान क्यों नहीं दे रही है, जबकि सभी बातें इससे जुड़ी हैं?" 

इस पर तुषार मेहता ने जवाब दिया, "हम केवल एक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. केंद्र सरकार किसानों की चिंता करती है. नोटिस जारी करने के बजाय, हमें याचिका दी गई है." जगजीत सिंह डल्लेवाल पर अदालत की टिप्पणी पंजाब के एजी गुरमिंदर सिंह ने कहा कि हम डल्लेवाल से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, और अधिकारियों की एक टीम वहां तैनात है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "आपकी सरकार की ओर से मीडिया को गलत जानकारी दी जा रही है.

हमारी चिंता यह थी कि डल्लेवाल की सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे, वह एक पूर्व नेता हैं, जो फिलहाल किसी भी राजनीतिक पक्ष से जुड़े नहीं हैं." एजी ने कहा, "हमने डल्लेवाल को मेडिकल सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वह स्पष्ट रूप से यह संदेश देना चाहते हैं कि यह राज्य सरकार का काम नहीं है, वह मेडिकल सहायता तब लेंगे जब केंद्र सरकार उनसे बात करेगी." 

पीठ ने सवाल किया, "क्या आपने कभी किसानों को यह बताया कि हम इस मुद्दे के लिए एक समिति बना चुके हैं? आपकी ओर से कोई सुलह की कोशिश नहीं की जा रही. कुछ नेता गैर-जिम्मेदार बयान दे रहे हैं." सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की है और केंद्र से रिपोर्ट देने को कहा है.(असीम बस्सी के इनपुट के साथ)

 

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