टमाटर की खेती किसानों को लिए काफी फायदेमंद होती है. इसकी खेती में किसानों को लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है. यह वजन वाला फल होता है इसलिए छोटे जगह में भी इसका उत्पादन अधिक होता है, जिसे बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि मई जून के महीने में बहुत गर्मी पड़ती है. ऐसे मौसम में टमाटर खेती करना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे मौसम में खेत जल्दी सूखते हैं और नियमित अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है. साथ ही तेज धूप के कारण इसके पौधों को फलों को नुकसान होता है. खास कर फलों को अधिक नुकसान होता है. धूप के कारण इसकी ऊपरी परत जल जाती है, इससे किसानों को नुकसान होता है.
फल झुलस जाने से किसानों को अधिक दाम भी नहीं मिलते हैं. कई बार तो फल गर्म होकर फट जाते हैं. इससे फलों को नुकसान होता है और वो बेचने लायक भी नहीं रहते हैं. इसलिए मई-जून में टमाटर की खेती करने में सिंचाई पर विशेष फोकस करना पड़ता है. तापमान में उतार चढ़ाव के कारण इस दौरान पोधों में कीट का भी प्रकोप हो जाता है. हालांकि इस मौसम में टमाटर की खेती करने पर किसानों को अधिक दाम मिलता है. इसके बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाता है तो इस दौरान भी बाजार में टमाटर की मांग अच्छी रहती है और अच्छी कीमत मिलती है. गर्मियों में किसानों की इस परेशानी को देखते हुए टमाटर की दो नई किस्मों को लॉन्च किया गया है.
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काशी तमसः टमाटर की यह किस्म अधिक उपज देने वाली है. इसकी खेती से किसान अधिक पैदावार हासिल कर सकते हैं. इसमें इसके पौधे की बढ़वार अधिक नहीं होती है. इसके पौधे की बढ़वार सामान्य होती है. टमाटर की यह किस्म गर्मी के मौसम में खेती के लिए उपयुक्त मानी गई है. मध्य जून तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं. इसकी खेती में फल लगने के लिए दिन के समय 35-37 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है. इसके एक फल का आकार 40-50 ग्राम तक होता है. इसके एक पौधे से 40-50 फल प्राप्त किया जा सकता है. टमाटर की इस किस्म से किसान 40-45 टन प्रति हेक्टेयर की उपज हासिल कर सकते हैं.
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काशी अद्भुदः टमाटर की इस किस्म की पैदावार काशी तमस से कम होती है हालांकि यह भी एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इस संकर किस्म के पौधे की बढ़वार सामान्य होती है. इसकी खेती भी गर्मी के मौसम में की जा सकती है. किसान जून के तीसरे हफ्ते तक इसकी खेती कर सकते हैं. इसके पौधों में फल लगने के लिए 35-37 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान की जरूरत होती है. इसके एक फल का वजन 50-60 ग्राम तक होता है. इसके फल का रंग लाल होता है जो मई जून में भी कायम रहता है. टमाटर के इस किस्म की उपज क्षमता 35-40 टन प्रति हेक्टेयर है. इसके फलों को मई जून के दौरान रूम टेंपेरेचर में भी 5-7 दिनों तक रखा जा सकता है.
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