आखिर बीड़ी क्यों बन गई चर्चा का विषय? जानिए देश में बीड़ी उद्योग से जुड़ी खास बातें...

आखिर बीड़ी क्यों बन गई चर्चा का विषय? जानिए देश में बीड़ी उद्योग से जुड़ी खास बातें...

देश में इस समय नई GST दरें लागू हुई हैं. इसमें सबसे अधिक चर्चा का विषय बीड़ी हो गई है जहां एक ओर धूम्रपान में टैक्स बढ़ाया गया है तो वहीं बीड़ी में लगने वाले टैक्स में कटौती की गई है, इसके अलावा बीड़ी की चर्चा राजनीतिक गलियारों में भी तेज हो गई है. इस खबर में बीड़ी उद्योग से जुड़ी खास बातें बताने जा रहे हैं.

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आखिर बीड़ी क्यों बन गई चर्चा का विषय? जानिए देश में बीड़ी उद्योग से जुड़ी खास बातें...बीड़ी उद्योग से रोजगार

बीड़ी धूम्रपान के लिहाज से देखी जाती है, बीड़ी पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. हालांकि इन बातों को दरकिनार कर आज सोशल मीडिया पर बीड़ी चर्चा का विषय बन गई. दरअसल कांग्रेस की केरल इकाई ने सोशल मीडिया पर बीड़ी पर लगाई गई GST दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने के केंद्र सरकार के फैसले पर तंज कसते हुए एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में बीड़ी को बिहार से जोड़ा गया और लिखा गया, "बीड़ी और बिहार अंग्रेजी के अल्फाबेट B से शुरू होते हैं और इसे अब पाप नहीं माना जा सकता". इस पोस्ट पर राजनीतिक बहसबाजी शुरू हो गई और बिहार के लोगों के अपमान के रूप में विवाद खड़ा कर दिया. इस खबर में इससे अलग देश में बीड़ी उद्योग से जुड़ी तमाम बातें बताने जा रहे हैं. 

बीड़ी उद्योग बड़ा रोजगार 

ये जानते हुए भी की बीड़ी धूम्रपान है और इसके ढेरों हानियां हैं, इसके बाद भी देश में लगभग 9 करोड़ लोग बीड़ी पीते हैं. इसके अलावा बीड़ी उद्योग रोजगार का भी बड़ा माध्यम बना हुआ है. श्रम और रोजगार मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार देश में लगभग 40 लाख लोग बीड़ी उद्योग में काम करते हैं. ट्रेड यूनियनों के अनुसार ये आंकड़ा और बड़ा है जिनका मानना है कि बीड़ी उद्योग से करीब 60-70 लाख लोगों को छोटे पैमाने में रोजगार मिला है जिसमें महिलाओं की भागीदारी भी खूब है. 

इन राज्यों में बीड़ी का बोलबाला

आपको बता दें कि बीड़ी बनाने के लिए तेंदू पत्ते का उपयोग किया जाता है. ये लघु उद्योग के माध्यम से देश की बड़ी आबादी को रोजगार देने वाला माना जाता है. ग्रामीण और छोटे कस्बों में बीड़ी पीने वालों की संख्या अधिक होती है इसलिए क्षेत्रीय बाजारों में लोकल इलाकों में बनी बीड़ी खूब बिकती है.

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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीड़ी पीने और बीड़ी बनाने वाले लोगों की संख्या खूब है. 

नए GST स्लैब में बीड़ी पर टैक्स 

हमने पहले ही आपको बता दिया कि बीड़ी तेंदू पत्ता से बनाई जाती है. ये पत्ते ग्रामीणों और आदिवासी इलाकों के लोगों के लिए रोजगार का बड़ा माध्यम है. आपको बता दें कि  GST 2.O में टैक्स में काफी बदलाव किया है. उसके अनुसार सिगरेट और सिगार पर पहले से लगने वाले 28 फीसदी टैक्स को बढ़ाकर 40 फीसदी टैक्स के दायरे में लाया गया है तो वहीं बीड़ी को 28 फीसदी टैक्स से घटाकर 18 फीसदी वाले स्लैब में लाया गया है. 

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