भारतीय कृषि क्षेत्र GST में हुए हालिया सुधारों की खूब सराहना कर रहा है. भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (IREF) ने शनिवार को कहा कि इस सुधार से मांग बढ़ेगी जिसके कारण किसानों को मदद मिलेगी. IREF के उपाध्यक्ष देव गर्ग ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक धारणा बढ़ी है. अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती के साथ, हमें चावल की प्रीमियम किस्मों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.
IREF के उपाध्यक्ष गर्ग ने आगे कहा कि जीएसटी विधेयक से भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक धारणा बढ़ी है और अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती के साथ, हमें चावल की प्रीमियम किस्मों की मांग में भारी वृद्धि की उम्मीद है. आगामी सीजन में बासमती चावल और अन्य प्रीमियम गैर-बासमती चावल किस्मों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो किसानों के लिए एक सकारात्मक बात है.
उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के पुनर्गठन से उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से आधुनिक खुदरा और उच्च मूल्य वाली वस्तुओं के लिए. गर्ग ने कहा कि जीएसटी पंजीकरण की मंजूरी की समय सीमा, जो अब घटकर मात्र तीन दिन रह गई है, इससे देरी कम होगी, जिससे नए व्यवसायों के लिए शीघ्रता से व्यापार शुरू करना आसान हो जाएगा.
गर्ग ने आगे कहा कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव ये है कि निर्यातकों को अब एक सप्ताह के भीतर 90% प्रोविजनल जीएसटी रिफंड प्राप्त होगा. पहले, रिफंड में लगभग 60 दिन लगते थे, जिससे कार्यशील पूंजी अवरुद्ध हो जाती थी और व्यापार धीमा हो जाता था. यह फास्ट-ट्रैक रिफंड प्रणाली एक बड़ा, स्वागत योग्य कदम है जो निर्यातकों के बीच तरलता, प्रतिस्पर्धात्मकता और विश्वास को बढ़ावा देगा. उन्होंने आगे कहा, "इसके लाभ यहीं नहीं रुकते. सरलीकृत जीएसटी सुधार समग्र रूप से एक क्रांतिकारी बदलाव है. यह लागत कम करता है, अनुपालन को कम करता है, और व्यापारियों व निर्माताओं को अपने व्यवसाय को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है. यह विशेष रूप से हमारे एमएसएमई, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें अब कम टैक्स स्लैब, कम कागजी कार्रवाई और कम अनुपालन बोझ का सामना करना पड़ेगा."
IREF ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह सुधार हमारे विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करेगा और निर्यात को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा, साथ ही आम परिवारों के लिए अधिक सामर्थ्य सुनिश्चित करेगा. आईआरईएफ ने आगे कहा कि साथ ही, कम टैक्स रेट और अधिक मांग उपभोग को बढ़ावा देंगी और अधिक सुचारू नियम विकास के एक नए चक्र का निर्माण करेंगे, जिसका अर्थ है अधिक नौकरियां, मजबूत उद्योग और देश भर में सतत विकास. विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम इस प्रगतिशील सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के प्रति अत्यंत आभारी हैं. यह कारोबार को आसान बनाने के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, उद्यमियों को सशक्त बनाता है, उद्योगों को मजबूत करता है और हमारी अर्थव्यवस्था के भविष्य में विश्वास पैदा करता है.
इतना ही नहीं संस्था ने कहा कि जीएसटी व्यापारियों को राहत, उद्योग को मजबूती, निर्यातकों को सीधा लाभ और भारत की विकास गाथा में विश्वास प्रदान करता है. संशोधित टैक्स स्लैब के तहत, जिन वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है, उनमें अल्ट्रा-हाई टेम्प्रेचर दूध, छेना और पनीर शामिल हैं. सभी भारतीय रोटियां शून्य दर पर उपलब्ध होंगी. यानी रोटी हो या पराठा या जो भी हो, उन सभी पर जीएसटी शून्य हो जाएगा. यह सरलीकरण "अगली पीढ़ी के जीएसटी" सुधार पहल का हिस्सा है, जिसे सामर्थ्य, उपभोग और आर्थिक दक्षता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
(सोर्स- ANI)
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