Punjab News: पराली जलाने के मामले में 49 फीसदी की गिरावट, किसानों के प्रयास का दिखा असर

Punjab News: पराली जलाने के मामले में 49 फीसदी की गिरावट, किसानों के प्रयास का दिखा असर

पिछले एक सप्ताह में पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है और इस सीजन के कुल मामलों में से 71 फीसदी मामले पिछले 9 दिनों में ही सामने आए हैं. बता दें कि पंजाब में 20 अक्टूबर तक पराली जलाने के सिर्फ 353 मामले ही दर्ज किए गए थे.

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पराली जलाने के मामले में 49 फीसदी की गिरावट, किसानों के प्रयास का दिखा असरपराली जलाने के मामले में गिरावट

पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े रुख दिखाया है. साथ ही पंजाब सरकार की पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती बढ़ा रही है. इसके बावजूद भी पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. हालांकि, सरकारी आंकड़ों के तहत पंजाब में इस साल किसानों के प्रयास से 49 फीसदी की गिरावट आई है. दरअसल, पंजाब में पराली जलाने का मामला लगातार बढ़ते जा रहा है.  बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के रिकॉर्ड 283 मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही पराली जलाने का आंकड़ा इस सीजन में 1000 के पार हो गया है. पंजाब में इस सीजन में अब तक कुल 1216 मामले सामने आ चुके हैं. 

9 दिनों में बढ़ा 71 फीसदी मामला

पिछले एक सप्ताह में पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है और इस सीजन के कुल मामलों में से 71 फीसदी मामले पिछले 9 दिनों में ही सामने आए हैं. बता दें कि पंजाब में 20 अक्टूबर तक पराली जलाने के सिर्फ 353 मामले ही दर्ज किए गए थे, लेकिन 21 अक्टूबर से लेकर अब तक पिछले नौ दिनों में ही पराली जलाने के कुल 863 मामले सामने आ चुके हैं.

अभी भी पंजाब में धान की करीब 30 से 40 फीसदी फसल खेतों में ही खड़ी है. ऐसे में इस फसल की कटाई के तुरंत बाद ही किसानों को गेहूं की फसल लगानी है. ऐसे में पराली जलाने के मामले आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकते हैं.

376 एफआईआर हो चुके हैं दर्ज

सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद पंजाब सरकार पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती भी कर रही है. पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के मामलों में 376 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी भी किसान की गिरफ्तारी नहीं हुई है. 432 मामलों में किसानों के जमीन के रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गई है. वहीं,  अब तक पंजाब में पराली जलाने पर 24.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. 

इन जिलों से आए सबसे ज्यादा मामले

पंजाब के तरनतारन जिले में पराली जलाने के सबसे अधिक 296 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 173 घटनाओं के साथ अमृतसर दूसरे स्थान पर और मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 170 घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर है.

पिछले पांच साल में आई भारी गिरावट  

हालांकि, पराली जलाने के लिए बदनाम रहे पंजाब इस बार सरकार की सख्ती, सब्सिडी वाले बेलर और कंप्रेसर की बेहतर उपलब्धता और किसानों को वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक करने से फर्क पड़ा है. हालांकि पंजाब सरकार का दावा है कि पिछले वर्ष 2024 के मुकाबले अब तक 49 फीसदी पराली जलाने के कम मामले दर्ज किए गए हैं. अगर हम पिछले पांच साल के ट्रेंड पर नजर घुमाएंगे तो पता चलता है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वाकई कमी आई है. आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं. 15 सितंबर से 29 अक्टूबर 2020 से अगर हम इस साल तक इन्हीं तारीखों के आंकड़ों को देखें तो वो कुछ इस तरह से नजर आते हैं. 2025 में 1216, 2024 में 1995, 2023 में 4059, 2022 में 8147 और 2021 में 6742 मामले सामने आई थीं. 

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