ओपन मार्केट सेल स्कीम में इस रेट पर बिकेगा चावल, बिक्री का नया नियम जारी

ओपन मार्केट सेल स्कीम में इस रेट पर बिकेगा चावल, बिक्री का नया नियम जारी

मौजूदा ओएमएसएस (घरेलू) नीति के अनुसार, 2250 रुपये प्रति क्विंटल (पूरे भारत में) की निश्चित कीमत पर इथेनॉल उत्पादन के लिए इथेनॉल डिस्टिलरी को चावल की बिक्री की पेशकश की जा रही है. लेकिन इसकी मात्रा 24 लाख मीट्रिक टन रखी गई है. एफसीआई चावल की सप्लाई पूरे साल के दौरान घाटे वाले और सरप्लस दोनों राज्यों में इथेनॉल डिस्टिलरी को की जा सकती है.

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ओपन मार्केट सेल स्कीम में इस रेट पर बिकेगा चावल, बिक्री का नया नियम जारीओपन मार्केट सेल स्कीम में चावल की बिक्री

भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) को लेकर नया नियम जारी किया है. इसमें बताया गया है कि राज्य सरकारें और कॉरपोरेशन 2250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकते हैं. लेकिन इस खरीद की मात्रा 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक नहीं हो सकती. चावल की यह मात्रा ओएमएसएस के जरिये बिना किसी नीलामी में शामिल हुए खरीदी जा सकती है. इसी नियम में बताया गया है कि इथेनॉल डिस्टिलरी इथेनॉल बनाने के लिए 2250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकती हैं, लेकिन इसकी मात्रा 24 लाख मीट्रिक टन से अधिक नहीं हो सकती.

देश में महंगाई को कम करने के लिए सरकार ओपन मार्केट में चावल और गेहूं बिक्री का काम कर रही है जिसके लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम चलाया गया है. इसमें नीलामी के जरिये गेहूं और चावलों की बिक्री की जाती है. मौजूदा ओएमएसएस (घरेलू) पॉलिसी के अनुसार, राज्य सरकारों, ई-नीलामी में भाग लिए बिना राज्य सरकार के कॉरपोरेशन और सामुदायिक रसोई को चावल की बिक्री के लिए रिजर्व मूल्य 2250 रुपये प्रति क्विंटल (पूरे भारत में) निर्धारित किया गया है, जिसकी कुल मात्रा 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक नहीं होगी.

OMSS का नया नियम जारी

मौजूदा ओएमएसएस (घरेलू) नीति के अनुसार, 2250 रुपये प्रति क्विंटल (पूरे भारत में) की निश्चित कीमत पर इथेनॉल उत्पादन के लिए इथेनॉल डिस्टिलरी को चावल की बिक्री की पेशकश की जा रही है. लेकिन इसकी मात्रा 24 लाख मीट्रिक टन रखी गई है. एफसीआई चावल की सप्लाई पूरे साल के दौरान घाटे वाले और सरप्लस दोनों राज्यों में इथेनॉल डिस्टिलरी को की जा सकती है. अगर मक्का या अन्य फीडस्टॉक से बनने वाले इथेनॉल की सप्लाई में कमी आती है तो एफसीआई चावल का इस्तेमाल कर इथेनॉल की कमी को पूरा किया जा सकता है.

नए नियम के मुताबिक, प्राइवेट पार्टियों, कोऑपरेटिव या कोऑपरेटिव फेडरेशन को ई-नीलामी के जरिये 2800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल बेचा जाएगा. एफसीआई डिपो से छोटे प्राइवेट व्यापारियों या उद्यमियों या किसी व्यक्ति को 2800 रुपये की दर से चावल बेचा जाएगा. राज्य सरकारों और राज्य सरकारों के निगमों को बिना ई-नीलामी में हिस्से लिया 2250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल बेचा जाएगा.

कितना खरीद सकते हैं चावल

सरकार ने बताया है कि सेंट्रल कोऑपरेटिव सोसाइटियों जैसे कि नेफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार (खुदरा बिक्री) को भारत ब्रांड के जरिये चावल बेचने के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल दिया जाएगा. नेफेड, एनसीसीएफ या केंद्रीय भंडार अपने स्टोर, मोबाइल वैन, ई-कॉमर्स वेबसाइट और चेन रिटेल स्टोर पर बिक्री के लिए चावल खरीदते हैं. नए नियम के मुताबिक, सामुदायिक रसोई के लिए 2250 रुपये की दर से चावल खरीदा जा सकता है. इसके साथ ही इथेनॉल बनाने के लिए डिस्टिलरियां 2250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकती है.

 

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