उत्तर प्रदेश में मुर्गी पालन का व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता जा रहा है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के अलीपुर जीता गांव के किसान सलीम सिद्दीकी की कहानी न सिर्फ़ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी बताती है कि अगर कोई व्यक्ति सीखने और मेहनत करने का जज्बा रखता हो, तो उसकी जिंदगी बदल सकती हैं. 10वीं पास सलीम अब सफल पोल्ट्री व्यवसायी बन चुके हैं और हर महीने अच्छी-लाखों में कमाई कर रहे हैं.
इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में सलीम ने बताया कि वर्ष 2019 में 10 हजार मुर्गियों से काम शुरू किया था. आज मेरे पास 24 हजार के करीब मुर्गियां फार्म में मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि वह केवल अंडा उत्पादन का काम करते हैं. सबसे पहले वैन किस नस्ल की मुर्गियों का पालन शुरू किया था, लेकिन अब स्काई लार्क प्रजाति की मुर्गियों का पालन कर रहे है. जब सलीम की आमदनी स्थिर हो गई, तो उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक आधुनिक पोल्ट्री शेड का निर्माण कराया.
इस शेड में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. इसमें सर्दियों में मुर्गियों को गर्म रखने के लिए जरूरी सभी चीजें मौजूद हैं, जिनमें हीटर, विभिन्न लाइटें, स्वचालित भोजन और पानी डिस्पेंसर, गर्मियों के लिए ठंडक और बिजली के लिए इन्वर्टर शामिल हैं. बता दें कि सलीम सिद्दीकी पहले खेती-बाड़ी करते थे, लेकिन कम जमीन होने के कारण उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा था.
उत्पादन के सवाल पर सलीम बताते हैं कि एक दिन में 22 हजार अंडा पैदा हो जाता है. आज का ताजा रेट 1150 रुपये एक पेटी का है. एक पेटी में 7 कैरेट अंडा आता है, जिसमें 210 अंडा होता हैं. उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से वह हर महीने 2 लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं. सलीम सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने भी सरकारी योजना के तहत लोन लिया था, जिससे उन्हें शुरुआती दौर में काफी सहूलियत मिली. लेकिन अब हमारा कारोबार पूरी तरह से चल चुका है. उन्होंने बताया कि मुर्गी पालन से सालाना 2.88 करोड़ रुपये टर्नओवर हैं. वहीं अंडों की सप्लाई लोकल मंडी में हो आसानी से हो जाती है.
हालांकि, मुर्गी पालन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है. आपको ध्यान रखना होगा की मुर्गियां किसी बीमारी की चपेट में न आएं. इसके अलावा, उन मुर्गियों को सांप, बिच्छू, कुत्ते, बिल्ली आदि से भी बचाकर रखना होता है. वहीं बाजार में मुर्गियों को खिलाने वाले कई तरह के आहार उपलब्ध हैं, जिसे आप खरीदकर उन्हें खिला सकते हैं.
सलीम के व्यवसाय से न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली है, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी लाभ हो रहा है. अब ग्रामीणों को अंडे और मुर्गियां खरीदने के लिए शहर नहीं जाना पड़ता. वे सीधे सलीम से खरीद लेते हैं, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होती है. इतना ही नहीं, उन्होंने अब अपने फार्म पर 25 स्थानीय युवाओं को रोजगार भी दिया है, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया हैं.
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