पंजाब पुलिस ने बुधवार को किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर को मोहाली में हिरासत में ले लिया, जब किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई. बता दें कि इन दोनों जगहों पर किसान 13 फरवरी 2024 से आंदोलन कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक शंभू और खनौरी दोनों जगहों पर अब किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए लगभग 3000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
वहीं, खनौरी बॉर्डर पर करीब 700 किसानों को हिरासत में लिया गया है, जबकि शंभू बॉर्डर पर लगभग 300 किसान मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जा सकता है. किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद, खनोरी बॉर्डर और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इसके अलावा भी पंजाब के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं.
पंजाब पुलिस ने पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए टेंट को ध्वस्त कर दिया है, जहां वे अलग-अलग मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर से भी किसानों को हटाया जा रहा है.
शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा बनाए गए बैरिकेड्स को पुलिस ने बुलडोजर से तोड़ दिया है. वहीं, किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर बने टोल प्लाजा को किसानों ने जाम कर दिया. उन्होंने कहा की लोगों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. उनको परेशान नहीं करना है. बस कुछ टोल प्लाजा को जाम करना है और सरकार से अपना रोष प्रदर्शन जाहिर करना है.
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इस मामले पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, "किसानों पर साजिश के तहत हमला किया जा रहा है. सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरा किसान समुदाय आज बड़े हमले का सामना कर रहा है. आज (चंडीगढ़ में) एक बैठक हुई जिसमें तय हुआ कि अगले दौर की बातचीत 4 मई को होगी, लेकिन उन (किसानों) पर पीछे से हमला किया गया और उन्हें धोखा दिया गया. सड़क सरकार ने रोकी है, किसानों ने नहीं. वे (किसान) दिल्ली आना चाहते हैं."
इस कार्रवाई पर पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने बताया कि किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें उचित चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया है. कुछ लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई. इसलिए उन्हें बस में बैठाकर घर भेज दिया गया है.
एसएसपी ने बताया कि इसके अलावा, यहां के ढांचे और वाहनों को हटाया जा रहा है. पूरी सड़क को साफ कर यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. हरियाणा पुलिस भी अपनी कार्रवाई शुरू करेगी. जैसे ही उनकी तरफ से रास्ता खुलेगा, हाईवे पर आवाजाही फिर से शुरू हो जाएगी. हमें कोई बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ. किसानों ने अच्छा सहयोग किया और वे खुद ही बसों में बैठ गए.
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. यह बैठक तीन घंटे से अधिक चली, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित को सर्वोपरि बताया. उन्होंने कहा कि बातचीत सकारात्मक और रचनात्मक रही और अगली बैठक 4 मई को होगी. (चंडीगढ़ से अमन भारद्वाज/कमलजीत संधू की रिपोर्ट)
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