शंभू और खनौरी में प्रदर्शन कर रहे मुख्य किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने मोहाली के नए एयरपोर्ट चौक के पास हिरासत में लिया है. सरकार ने शंभू और खनौरी में बॉर्डर खोलने और जगह खाली कराने की रणनीति बनाई है, इसलिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं. सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ को भी मोहाली से हिरासत में लिया गया.
किसान नेता काका सिंह कोटड़ा और अन्य को भी पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया. मोहाली चंडीगढ़ बॉर्डर (एयरपोर्ट रोड) से पुलिस और किसानों के बीच झड़प की तस्वीरें आई हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इन दोनों जगहों पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं. कोई अनहोनी घटना न हो, इसे देखते हुए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है. दरअसल, पंजाब पुलिस शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली करा रही है, जिसे देखते हुए इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगाई गई है. शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस तैनाती की गई है. अंदेशा है की पुलिस मोर्चा हटाने की कोशिश भी कर सकती है.
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आपको बता दें कि आज दिन में चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई. बैठक खत्म होने के बाद जानकारी दी गई कि मीटिंग अच्छे माहौल में हुई और सकारात्मक रही. यह भी बताया गया कि सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए अगली बैठक की तारीख 4 मई मुकर्रर की है. इसमें यह भी कहा गया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली कराने के लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि शाम होते-होते किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया जो मीटिंग से वापस लौट रहे थे.
एसकेएम ने पंजाब सरकार द्वारा किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के कदम की निंदा की. एसकेएम ने कहा, यह कदम कल पंजाब में उद्योगपतियों के साथ आप के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद उठाया गया है. एसकेएम ने आज शाम चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ अपनी बातचीत समाप्त करने के बाद पंजाब क्षेत्र में प्रवेश करने के तुरंत बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर सहित कई एसकेएम (गैर राजनीतिक) और केएमएम नेताओं को गिरफ्तार करने के पंजाब सरकार के कदम की कड़ी निंदा की.
पंजाब सरकार ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है, जहां विरोध प्रदर्शन जारी है. इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. एसकेएम ने कहा, पंजाब की आप सरकार ने दिखाया है कि वह कृषि में कॉर्पोरेट और एमएनसी ढांचे को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए वह केंद्र में आरएसएस, बीजेपी सरकार के साथ सहयोग कर रही है.
एसकेएम ने कहा, यह बहुत भयावह है कि यह कदम कल उद्योगपतियों के साथ आप के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद उठाया गया है. किसानों के शांतिपूर्ण संघर्ष के खिलाफ बल प्रयोग की रणनीति यह साबित करती है कि केंद्र सरकार भारत के सभी किसानों द्वारा उठाए गए प्रमुख आजीविका और अस्तित्व के मुद्दों के समाधान के पक्ष में नहीं है.
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चंडीगढ़ में हुई बैठक में किसान और सरकार के पक्ष संतुष्ट दिखे. किसानों की ओर से उठाई गई अलग-अलग मांगों पर चर्चा के लिए यह मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगें शामिल थीं. बैठक के बाद चौहान ने कहा, "सौहार्दपूर्ण माहौल में सकारात्मक चर्चा हुई. बातचीत जारी रहेगी. अगली बैठक 4 मई को होगी." चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित बैठक में चौहान के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए.(अमन भारद्वाज की रिपोर्ट)
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