Paddy Crop: आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे बकानी रोग, इस तरीके से करें बचाव

Paddy Crop: आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे बकानी रोग, इस तरीके से करें बचाव

खेती के हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. ऐसे में धान की फसल में भी कई रोग भी लगने लगते हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद कर रही है. सरकार के कृषि विभाग ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

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Paddy Crop: आपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे बकानी रोग, इस तरीके से करें बचावआपके धान को कहीं बर्बाद न कर दे बकानी रोग

धान खरीफ की एक प्रमुख फसल है. इस समय धान की फसल में फल आने और उसके वृद्धि का समय है. ऐसे समय में फसलों पर कई तरह के कीट और रोग लगने के खतरे बढ़ जाते हैं. धान की फ़सल में कई तरह रोग लगते हैं, कई बार समय पर देख भाल न करने पर किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. ऐसी ही धान में लगने वाली बीमारी बकानी रोग भी है. बकानी रोग उभरती हुई समस्या है, यह रोग पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में देखा जाता है जहां पर बासमती धान की खेती होती है. इसमें ये रोग प्रमुख रूप से देखा जा सकता है.

वहीं इसके लिए हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद कर रही है. सरकार के कृषि विभाग ने धान की फसल में लगने वाले रोग से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है धान में लगने वाले रोग से उसे कैसे बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं कौन सा है रोग और उस रोग की कैसे कर सकते हैं रोकथाम.

किसानों को करनी चाहिए देखरेख

खेती के हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. ऐसे में धान की फसल में भी कई रोग लगने लगते हैं, किसानों को इससे बचने के लिए कई उपाय करने पड़ते हैं. खेती के हर चरण में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप होता है. वहीं, कुछ किसान ऐसे भी हैं जो जानकारी के अभाव में अपनी फसलों की देखभाल नहीं कर पाते हैं और उनकी फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे ही किसानों के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.

बकानी रोग के लक्षण

धान की फसल में कई प्रकार के रोग लगते हैं, जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसी ही एक धान की बीमारी है बकानी रोग. इस रोग के लक्षण को समय रहते पहचान कर इलाज करना चाहिए, वर्ना पूरी फसल चौपट होने का खतरा रहता है. इसमें रोगग्रस्त पौधे पीले, पतले और स्वस्थ पौधों की अपेक्षा लंबे हो जाते हैं और जमीन की सतह से गलकर सूख जाते हैं. पौधों के तनों की नीचे की गांठों से जड़ों का निकलना और रूई जैसी सफेद या गुलाबी रंग की फफूंद दिखाई देना इस रोग के अन्य लक्षण हैं.

बकानी रोग की रोकथाम

बकानी रोग से फसल को बचाने के लिए बीज उपचार अवश्य करें. उसके बाद रोग ग्रस्त पौधे को उखाड़कर फेंक दें. धान के पौधे को उखाड़ने से सात दिन पहले कार्बेन्डाजिम एक ग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से रेत में मिलाकर पौधों पर दें. रोगग्रस्त पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर दें. इन उपायों का पालन करके किसान बकानी रोग से अपनी बासमती धान फसल को बचा सकते हैं और अच्छी उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं.

जानकारी के लिए यहां करें संपर्क

हरियाणा सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 18001802117 जारी किया है, जहां किसान कॉल करके धान में लगने वाले रोगों के रोकथाम की जानकारी ले सकते हैं. अगर आप भी हरियाणा के किसान हैं तो धान की फसल को रोगों से बचाने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं.

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