पंजाब के लढोवाल टोल प्लाजा पर किसान यूनियनों का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है. आज भी किसान टोल बैरियर पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके कारण कोई भी वाहन मालिक टोल प्लाजा पर टोल शुल्क नहीं दे रहा है और बिना शुल्क दिए ही टोल प्लाजा को पार कर रहे हैं. लढोवाल टोल प्लाजा के अधिकारियों ने बताया कि इस टोल से औसतन 24 घंटे में 40 हजार वाहन बैरियर को पार करते हैं. इससे रोजाना लगभग एक करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला जाता है. पर किसान यूनियनों के विरोध क कारण वाहनों से यहां पर टोल टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है, इससे नुकसान हो रहा है.
लढोवाल टोल पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा है. यहां कार से गुजरने पर तरफ के सफर के लिए 220 रुपये का टैक्स देना पड़ता है. इतना ही नहीं, अगर किसी वाहन के पास फास्ट टैग नहीं है तो उसे एक तरफ के सफर के लिए 430 रुपये टैक्स लिया जाता है. लढोवाल टोल प्लाजा की टोल दरों में पिछले एक साल में तीन बार बढ़ोतरी की गई है. इस बढ़े हुए दर का किसान विरोध कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि बढ़ी हुए दरों को कम किया जाए ताकि टोल प्लाजा पार करने वाले यात्रियों को अत्यधिक टोल शुल्क से राहत मिले.
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लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने 'द ट्रिब्यून' से कहा कि किसानों से बातचीत करने और इस समस्या का समाधान करने के लिए आज एसडीएम लढोवाल टोल प्लाजा का दौरा करेंगे और विरोध कर रहे किसानों से बात करेंगे. टोल प्लाना के अपडेटेड टैक्स के अनुसार अब कार मालिक को एक तरफ की यात्रा करने के लिए 220 रुपये देने पड़ते हैं जो पहले 215 रुपये थे. जबकि उसी दिन वापसी का भी टोल देने पर 330 रुपये देने पड़ते हैं जो पहले 225 रुपये थे. हल्के वाहन मालिक एक दिन के भीतर वापसी यात्रा के लिए 535 रुपये का भुगतान कर रहे हैं जबकि पहले 520 रुपये लगते थे.
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वहीं बस और ट्रक चालकों को भी बढ़े हुए टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है. पहले बस और ट्रक चालक एक तरफ की यात्रा के लिए 730 रुपये का भुगतान करते थे पर अब 745 रुपये देने पड़ रहे हैं,. वहीं वपसी यात्रा के लिए अभी 1120 रुपये चुकाने पड़ते हैं जबकि पहले 1095 रुपये का टैक्स बड़े वाहन चालकों को भरना पड़ता था. अधिक भारी निर्माण वाहनों (तीन एक्सल तक) को एक यात्रा के लिए 815 रुपये देना पड़ता है जो पहले 795 रुपये था. वहीं वापसी यात्रा के लिए 1,225 रुपये देने पड़ते हैं जबकि पहले 1,190 रुपये का टैक्स भरना पड़ता था. किसान इस बढ़े हुए टैक्स का विरोध कर रहे हैं.
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