भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देगी. इसके लिए सरकार ने तैयारी कर ली है. केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर का कहना है कि केंद्र कृषि में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन कई गुना बढ़ा दिया है, जिसमें किसानों की समस्याओं को कम करने पर विशेष ध्यान दिया दिया जा रहा है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ठाकुर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में, जहां रासायनिक उर्वरकों का उपयोग एक समस्या है, वहीं केंद्र रासायनिक से जैविक उर्वरकों की ओर बढ़ने पर काम कर रहा है. इस पहलू पर पूर्वोत्तर राज्यों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ मिट्टी का होना महत्वपूर्ण है और सरकार खेती में रसायनों के उपयोग को कम करने की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उनका मंत्रालय छह महीने के भीतर नकली बीज और नकली उर्वरकों की समस्याओं को जड़ से खत्म करने पर काम कर रहा है.
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उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले एक दशक में कृषि मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में कई गुना वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि फसल बीमा जैसी योजनाओं और धान व गेहूं में देश के आत्मनिर्भर बनने से स्पष्ट है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि असम में बाढ़ एक बड़ी समस्या है. यहां पर हर साल बाढ़ आती है और भारी तबाही मचाती है. इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ता है. ठाकुर ने कहा कि सरकार इस मुद्दे से अवगत है और स्थायी समाधान खोजने के लिए प्रावधानों पर काम किया जा रहा है.
केंद्रीय बजट 2024-25 के प्रावधानों पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ठाकुर ने कहा कि आपने मीडिया में देखा होगा कि इस बजट में दो राज्यों - बिहार और आंध्र प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है. लेकिन हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ दो राज्यों के लिए नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों के लिए आवंटन किया गया है, चाहे वह रेलवे हो, स्वास्थ्य हो, कृषि हो या अन्य. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न राज्यों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
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