हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हरियाली तीज का उल्लेख सनातन शास्त्रों में किया गया है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार हरियाली तीज का व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी उम्र का वरदान मिलता है. वहीं कुंवारी लड़कियों की शादी भी जल्दी हो जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं हरियाली तीज का त्योहार कब और क्यों मनाया जाता है?
हरियाली तीज का हिंदू धर्म में विशेष रूप से धार्मिक महत्व है. इसे भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की खुशी में मनाया जाता है. शास्त्रों में वर्णित है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिव ने श्रावण शुक्ल तीज के दिन माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए इस दिन को माता पार्वती की पूजा का दिन मानकर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं.
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वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 06 अगस्त को शाम 07:50 बजे हो रहा है और यह तिथि 07 अगस्त को रात 10:05 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज का पर्व 07 अगस्त 2024, बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन शिव योग बन रहा है, जो सुबह 11:45 बजे से शुरू होगा.
हरियाली तीज की खुशी में अलग-अलग जगहों पर महिलाएं इसे अलग-अलग तरीके से मनाती नजर आ रही हैं. पूजा-पाठ और धार्मिक महत्व के अलावा भी महिलाएं इसे अनोखे तरीके से खुशी के तौर पर मना रही हैं. इसी कड़ी में पटना के अनिशाबाद की महिलाओं ने अपने योग केंद्र पर योग के साथ हरियाली तीज मनाई. जहां उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्ति गीत गाए, वहीं मनोरंजन के लिए भी कई चीजें कीं. इस मनोरंजन का हिस्सा रहीं बबीता सिंह ने किसान तक को बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य के साथ-साथ धार्मिक महत्व को भी ध्यान में रखा और इसे नए अंदाज में मनाया. अक्सर महिलाएं पूजा-पाठ और धार्मिक महत्व में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि त्योहार की खुशी भूल जाती हैं और बस उसी काम में लगी रहती हैं. लेकिन इन महिलाओं ने दूसरी महिलाओं को बताया कि त्योहार सिर्फ पूजा-पाठ के लिए नहीं बल्कि मन की खुशी के लिए भी होते हैं, जिन्हें सबके साथ मिलकर मनाना चाहिए.
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