देश अभी कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी से उभरा ही था कि एक और वायरस ने केरल में दस्तक दे दी है. केरल के कोझिकोड जिले में खतरनाक निपाह वायरस (Nipah Virus) के कारण दो लोगों की मौतें हो गई है. इस खतरनाक वायरस ने स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. वहीं सरकार ने भी इसे लेकर राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. निपाह वायरस वैसे तो कम संक्रामक होता है, लेकिन यह घातक माना जाता है.
दरअसल इससे संक्रमित लोगों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन इसमें वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की मृत्यु दर ज्यादा होती है. ऐसे में इसे काफी खतरनाक माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं.
निपाह वायरस एक जेनेटिक वायरस होता है, जो जानवर से इंसानों में प्रवेश करता है फिर इंसानों के बीच फैलता है. यह एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से चमगादड़, सूअर, कुत्ते और घोड़े जैसे जानवरों को प्रभावित करता है. इस वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव पर पड़ा है, जहां सबसे पहले इसका मामला सामने आया था. यह फ्लाइंग फॉक्स नाम के चमगादड़ से फैलता है. वायरस से संक्रमित चमगादड़ इंसानों में संक्रमण फैलाते हैं. यही नहीं कई बार इनके द्वारा खाए गए फल को गलती से खा लेने से भी संक्रमण का खतरा बन जाता है. इससे संक्रमित हुआ व्यक्ति दूसरे में इस संक्रमण को फैलाता है.
निपाह संक्रमण सांस संबंधी परेशानियों से लेकर मस्तिष्क की सूजन तक की समस्या पैदा कर सकता है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और उल्टी शामिल जैसे लक्षण शामिल हैं. अधिक गंभीर लक्षणों में भ्रम, दौरे और कोमा तक शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह संक्रमण के मामलों में मृत्यु दर 40 फीसद से 75 फीसद के बीच है.
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WHO के अनुसार, निपाह के लिए कोई दवा या टीका वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है. लोगों में निपाह संक्रमण को कम करने या रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता फैलाना है. इसमें एहतियात में लोगों को बताया जाता है कि खाने से पहले फलों को अच्छी तरह से धोएं और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद सावधानियों का पालन करें. लोगों को मास्क पहनने की भी सलाह दी जाती है.
यह वायरस संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैल सकता है. निपाह से पीड़ित लोगों के शवों से भी संक्रमण फैल सकता है. संक्रमण बंद, भीड़ भरे वातावरण में खांसी और छींक के माध्यम से फैलने के लिए भी जाना जाता है. यह खुले, हवादार स्थानों में नहीं फैल सकता.
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