बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद में आए नाना पाटेकर, फसलों के बांटे बीज

बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद में आए नाना पाटेकर, फसलों के बांटे बीज

संकटग्रस्त किसानों की मदद के लिए बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर आगे आए है. दरअसल, नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे द्वारा स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने महाराष्ट्र के लातूर जिले में 2,000 बैग चना और ज्वार के बीज देने का अभियान शुरू किया है.

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बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद में आए नाना पाटेकर, फसलों के बांटे बीजनाना पाटेकर

देश के कई राज्यों में इस साल बारिश कहर बनकर बरसी है. इस बीज महाराष्ट्र के भी कई जिलों में किसानों को पिछले महीने बाढ़ का सामना करना पड़ा, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और उन्हें भारी नुकसान हुआ है. फसलों के नष्ट होने से किसान परेशान भी हैं. ऐसे में संकटग्रस्त किसानों की मदद के लिए बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर आगे आए है. दरअसल, नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे द्वारा स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने महाराष्ट्र के लातूर जिले में 2,000 बैग चना और ज्वार के बीज देने का अभियान शुरू किया है.

क्या है नाम फाउंडेशन का उद्देश्य?

अगस्त और सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण लातूर जिले में, खासकर नदी किनारे के खेतों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस बीच, नाम फाउंडेशन नामक एनजीओ ने कहा है कि बीजों के वितरण का उद्देश्य आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों, बाढ़ प्रभावित परिवारों और नदी किनारे अपनी उपजाऊ जमीन खो चुके किसानों की सहायता करना है. वहीं, बीज वितरण अभियान का उद्घाटन मंगलवार को देवनी तहसील के धनेगांव  में तहसीलदार संजय बिरादर की मौजूदगी में किया गया.

हमेशा किसानों के साथ रहा है नाम फाउंडेशन 

संगठन के संयोजक रामलिंग शेरे ने कहा कि नाम फाउंडेशन हमेशा से किसानों को अपना जीवन फिर से संवारने और आशा की किरण जगाने में मदद करने में सबसे आगे रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे के अथक प्रयासों से फाउंडेशन ने संकट के समय मराठवाड़ा के किसानों का लगातार समर्थन किया है.

किसानों को फसलों के बीज दे रहा फाउंडेशन 

उन्होंने बताया कि फ़ाउंडेशन अब किसानों को सोयाबीन जैसी पारंपरिक बारिश आधारित फसलों के बजाय चना और ज्वार के अलावा गन्ना और बागवानी फसलों के बीज बांट रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक टिकाऊ विकल्पों की ओर रुख करके बदलती जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल ढलने में मदद मिलेगा.  

महाराष्ट्र में बाढ़ से बर्बाद हुईं ये फसलें 

बारिश के बाद महाराष्ट्र में कई फसलों को 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इन फसलों में ज्यादातर फसलें पूरी तरह से तैयार हो चुकी थीं और इनकी कटाई की तैयारी शुरू हो रही थी, लेकिन प्रकृति किसानों पर आफत बन बरसी और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई. फसलों में सबसे अधिक नुकसान, सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, कई जगह पर मक्का, संतरा, मौसमी, अनार और केला पर सबसे अधिक नुकसान देखा गया है. विदर्भ और मराठवाड़ा के कई जिलों में बागवानी फसलें 100 फीसदी तक प्रभावित हुई हैं. 

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