Farmer Problems: खाद-पानी और बिजली नहीं मिलने से किसान परेशान, सरकार और प्रशासन से की ये मांग

Farmer Problems: खाद-पानी और बिजली नहीं मिलने से किसान परेशान, सरकार और प्रशासन से की ये मांग

राजस्थान के धौलपुर जिले के किसानों को खाद,बिजली और पानी के लिए जूझना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योकि खेतों में बोई गई फसलों में डालने के लिए उन्हें खाद ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है. इन परेशानियों को देखते हुए किसानों ने सरकार और प्रशासन से कई सारे मांगे की हैं.

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Farmer Problems: खाद-पानी और बिजली नहीं मिलने से किसान परेशान, सरकार और प्रशासन से की ये मांगखाद-पानी और बिजली की किल्लत

दो साल से लगातार भारी बारिश की मार झेल चुके राजस्थान के धौलपुर जिले के किसानों को अब खाद,बिजली और पानी के लिए जूझना पड़ रहा है, ऐसा इसलिए क्योकि खेतों में बोई गई फसलों में डालने के लिए उन्हें खाद ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है. साथ ही बिजली भी रात को करीब दो घंटे मिल रही है. इसके अलावा चम्बल लिफ्ट परियोजना और नहरों की सफाई नहीं होने से पानी भी नहीं मिल पा रहा है, जबकि इस परियोजना का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया है. वहीं, किसानों ने इसको लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है.

खाद की कमी से किसान परेशान

धौलपुर जिले के ग्रामीण अंचलो में इस वक्त किसान ख़ासा परेशान दिखाई दे रहे हैं, क्योकि खेतों में बोई गई फसलों में डालने के लिए खाद नहीं मिल रहा है. वर्तमान में रवि की फसल का समय चल रहा है और धौलपुर जिले में सरसों,गेहूं,चना और आलू फसल की बुवाई ज्यादातर जगह हो चुकी है. लेकिन फसलों में पहले पानी के दौरान लगने वाली डाई (डीएपी) खाद की कमी से किसान परेशान हैं.

किसान ब्लैक में खरीद रहे खाद

किसानों को डीएपी,यूरिया और अमोनियम खाद ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है. धौलपुर जिले के बाड़ी,बसेड़ी,सरमथुरा और राजाखेड़ा में खाद की रैक आती है और एक दिन में ही ख़त्म हो जाती है. ऐसे में किसानों को डीएपी और यूरिया ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है. इस बीच खाद,बिजली और पानी की समस्याओं को लेकर में खेतों में काम करने वाले किसानों ने अपना दर्द बयां किया है. किसान हरिओम, जसवंत सिंह पराशर, सत्यप्रकाश, श्रीलाल, राजेंद्र सिंह, अशोक पटेल, दाऊजी ने बताया कि वर्तमान में रवि की फसल का सीजन चल रहा है. लेकिन फसलों में डालने के लिए खाद नहीं मिल रहा है.

"खेती की लागत में आई बढ़ोतरी"

किसानों ने बताया कि डीएपी दो हजार से 2100 रूपये और यूरिया चार सौ रूपये में खरीदना पड़ रहा है. साथ ही अन्य खादें भी ब्लैक में खरीदनी पड़ी हैं. किसानों ने बताया कि डीएपी,यूरिया और अमोनियम पर कालाबाजारी की जा रही है. ऐसे में खेती में लागत बहुत लग रही है. नकदी फसल आलू की बुवाई की बात की जाए तो करीब 40 से 50 हजार रुपये प्रति बीघा खाद बीज,यूरिया,जिप्सम,कीटनाशक दवाओं की लागत का खर्च किसान को उठाना पड़ रहा है.

सरसों फसल का खर्च आलू की अपेक्षा काफी कम है. सरसों फसल की लागत करीब दस से 15 हजार प्रति बीघा आ रहा है. किसानों ने बताया कि ऊपर से महंगाई की मार और खाद ब्लैक में खरीदना कमर तोड़ रही है. ऐसे में किसानों ने सरकार से किसान सम्मान निधि बंद कर उसकी जगह खाद, बीज, बिजली और नहरों से मिलने वाले पानी की मांग की है. किसानों ने बताया कि बिजली 6 घंटे देने के बजाय रात को दो से तीन घंटे ही मिल पा रही है, इसलिए किसानों ने दिन में 6 घंटे निर्बाध बिजली देने की मांग की है.

इस दिन धरना प्रदर्शन करेंगे किसान

किसानों ने बताया कि नहरों की सफाई नहीं होने से पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, चंबल लिफ्ट नहर परियोजना का 25 सितंबर को PM मोदी ने वर्चुअल लोकार्पण भी कर दिया, लेकिन पानी अभी तक नहीं मिल रही है. पानी ना तो एमबीआर तक पहुंचा है और न डिग्गीयों तक पहुंचा है. किसान फसल बोए बैठे हैं और पानी का इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें चंबल लिफ्ट नहर का पानी मिलेगा. इसको लेकर किसानों ने निर्णय लिया कि अगर 20 दिसंबर से पहले किसानों को पानी उपलब्ध नहीं होता है तो 25 दिसंबर को धौलपुर राजाखेड़ा क्षेत्र के किसान एक महापंचायत करेंगे. उसके बाद 26 दिसंबर को किसान पदयात्रा कर धौलपुर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करेंगे.

किसानों ने मांगा मुआवजा 

किसानों ने बताया कि धौलपुर जिले में अतिवृष्टि के कारण दो साल से किसान ख़ासा परेशान हैं और कर्ज में डूबते जा रहे हैं. अभी भी दो दर्जन से अधिक गांव के खेत पानी से लबालब भरे हुए हैं और किसान खेतों में रवि की फसल की बुवाई नहीं कर पाए हैं. इसको लेकर किसानों को मुआवजा भी मिल नहीं रहा है. बता दें कि अतिवृष्टि से जिले के बसेड़ी,सैपऊ,राजाखेड़ा और धौलपुर उप खंड क्षेत्र के सात दर्जन अधिक गांव और ढाणियों में खरीफ की फसलें नष्ट हो गई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिले के आला अधिकारियों ने किसानों को मुआवजा के लिए ढांढस भी बंधाया,लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है.

किसानों ने बताया कि गिरदावरी भी सही ढंग से नहीं हुई है. मुआवजा को लेकर जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने बताया कि जिले के 42 गांवों में 33 फीसदी से अधिक खरीफ की फसल नष्ट हुई थी, जिसका प्रपोजल राज्य सरकार को भेजा था.राज्य सरकार से मुआवजा सेंशन हो गया है. मुआवजा जल्द ही किसानों के खातों में ट्रांसफर कर लाभान्वित करेंगे. (उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)

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