पराली जलाने से रोकने के लिए खेतों में जुताई करते दिखे पुलिस अधिकारी, किसानों को दिया संदेश

पराली जलाने से रोकने के लिए खेतों में जुताई करते दिखे पुलिस अधिकारी, किसानों को दिया संदेश

डीसी और एसएसपी ने धान की कटाई के बाद ट्रैक्टर से खेत की जुताई की, ताकि किसानों के बीच संदेश जाए कि पराली जलाना कोई आवश्यक नहीं है. अधिकारियों ने बाघा पुराना ब्लॉक के कई गांवों का दौरा किया और पराली प्रबंधन तकनीकों का प्रदर्शन करने के लिए खेतों की जुताई की.

Advertisement
पराली जलाने से रोकने के लिए खेतों में जुताई करते दिखे पुलिस अधिकारी, किसानों को दिया संदेशखेत में ट्रैक्टर चलाते मोगा के डीसी सागर सेतिया और एसएसपी अजय गांधी (X/@DproMoga)

किसानों को धान की पराली जलाने से रोकने के लिए मोगा पुलिस और नागरिक प्रशासन द्वारा कई दौर की बैठकें और परामर्श किए जा चुके हैं. इसी कड़ी में मोगा के उपायुक्त (डीसी) सागर सेतिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय गांधी शनिवार को खेतों में एक ट्रैक्टर पर सवार होकर गए. इस दौरान डीसी और एसएसपी ने धान की कटाई के बाद ट्रैक्टर से खेत की जुताई की, ताकि किसानों के बीच संदेश जाए कि पराली जलाना कोई आवश्यक नहीं है. अधिकारियों ने बाघा पुराना ब्लॉक के कई गांवों का दौरा किया और पराली प्रबंधन तकनीकों का प्रदर्शन करने के लिए खेतों की जुताई की.

कृषि मशीनरी तक आसान पहुंच कर रहे सुनिश्चित

इस दौरान डीसी सेतिया ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों को धान के अवशेषों के प्रबंधन के वैज्ञानिक और पर्यावरण-अनुकूल तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और इसके लिए ठोस प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण-अनुकूल कृषि मशीनरी तक आसान पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि कोई भी किसान इन उपकरणों की कमी के कारण पराली जलाने का सहारा न ले. उन्होंने बताया कि पराली जलाने से न केवल गंभीर वायु प्रदूषण होता है, बल्कि खराब दृश्यता के कारण सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं और श्वसन तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां भी होती हैं.

उन्होंने कहा कि यह मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्बनिक पदार्थ को भी नष्ट कर देता है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे पराली को मिट्टी में वापस मिला दें या उचित भंडारण और पुन: उपयोग के लिए गांठें बना लें.

पराली के लिए 40 गांवों में 62 एकड़ में भंडारण

वहीं एसएसपी अजय गांधी ने कहा कि पुलिस पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाने और संबंधित नियमों का प्रभावी ढंग से पालन सुनिश्चित करने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है. इस साल, जिले में पहले से ही उपलब्ध 4,800 मशीनों के अलावा, किसानों को लगभग 320 आधुनिक कृषि मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई हैं. इसके अलावा, पराली के गट्ठों को रखने के लिए 40 गांवों में 62 एकड़ में भंडारण स्थल बनाए गए हैं. पराली जलाने के मामलों पर निगरानी और कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने 27 क्लस्टर अधिकारी और 152 नोडल अधिकारी तैनात किए हैं.

गौरतलब है कि इस शुक्रवार को पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के रिकॉर्ड 224 मामले दर्ज किए गए हैं. पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के अब तक 1642 केस दर्ज किये जा चुके हैं. पिछले 6 दिनों में ही पंजाब में पराली जलाने के 1021 मामले सामने आ चुके हैं. पराली जलाने पर अब तक 430 एफआईआर दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें-

POST A COMMENT