Paddy procurement (सांकेतिक तस्वीर)भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में किसानों के एक वर्ग ने शनिवार को उत्तरी केरल जिले में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है. बताया जा रहा है कि धान की कटाई के 45 दिन बीत चुके हैं, लेकिन फिर भी सरकार या मिल मालिकों ने अभी तक धान उठाई नहीं की है. इसको लेकर यहां किसानों ने काले कपड़े से मुंह बांधकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार और मिल मालिकों द्वारा धान की खरीद नहीं की जा रही है. बाद में, राज्य के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा कि मिल मालिकों के रुख के कारण धान खरीद में उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए, खाद्य आपूर्ति विभाग की सप्लाई कंपनी किसानों से कटे हुए चावल को लेने के लिए कदम उठाएगी.
राज्य के कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि एवं खाद्य आपूर्ति विभागों की एक तत्काल बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पलक्कड़ और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर, सप्लाई कंपनी द्वारा किसानों से एकत्रित धान की खरीद और भंडारण के लिए संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. प्रसाद ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं को बताया कि धान की खरीद में तेजी लाई जाएगी, खासकर केरल के कुट्टनाड क्षेत्र में, जहां राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री जी आर अनिल के आदेशानुसार यह शनिवार से ही शुरू हो जाएगी.
राज्य के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने जोर देकर कहा कि किसानों को मिल मालिकों के रहमोकरम पर नहीं छोड़ा जाएगा, जो सरकार द्वारा दी गई विभिन्न रियायतों के बावजूद धान लेने से लगातार इनकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से प्रभावी हस्तक्षेप किया जाएगा.
इससे पहले दिन में भाजपा के झंडे लिए और मुंह पर पट्टी बांधे प्रदर्शनकारी पलक्कड़ स्टेडियम के पास इकट्ठा हुए और किसानों को हुए कृषि नुकसान के लिए मुआवजे की मांग करते हुए बैनर और तख्तियां लहराईं. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सी कृष्णकुमार ने कहा कि धान की कटाई के 45 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार या मिल मालिकों ने अभी तक इसे नहीं उठाया है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि धान खरीद के मुद्दे पर सरकार या अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व में मिल मालिकों के साथ हुई बैठक के भी अपेक्षित परिणाम नहीं निकले. कृष्णकुमार ने धान खरीद मूल्य में हाल ही में की गई बढ़ोतरी को भी "मामूली" बताया.
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