किसान को मिला 2 रुपये मुआवजामहाराष्ट्र में मौसम की मार और सरकारी तंत्र की बेजारी ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया है. ऐसा ही एक मामला पालघर जिले से सामने आया है. दरअसल, एक तरफ महाराष्ट्र सरकार बाढ़ और बारिश से परेशान किसानों को मुआवजा देकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही है, वहीं, पालघर जिले में एक किसान को बेमौसम बारिश के कारण फसल के नुकसान के लिए राज्य सरकार की ओर से सिर्फ 2 रुपये 30 पैसे का मुआवजा मिला है. ये मामला सरकार के उन बातों को झुठलाता है, जिसमें सरकार कहती है कि वो किसानों के साथ हमेशा खड़ी है.
पालघर के वाडा तालुका के शिलोत्तर गांव के मधुकर बाबूराव पाटिल ने अपने धान के खेतों को हुए भारी नुकसान के लिए मुआवजे की मांग करते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसके बदले में सोमवार को उनको सरकार की ओर से मुआवजे की भुगतान के तौर पर 2.30 रुपये मिले हैं.
किसान मधुकर बाबूराव पाटिल ने कहा कि इस मौसम में लगातार बारिश ने धान की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे फसल पानी में डूब गई और सड़ गई. यहां तक कि भूसा भी काला पड़ गया, जिससे पशुओं के लिए चारे की कमी पैदा होकर संकट और बढ़ गया. इतने बड़े नुकसान के बावजूद, मुझे यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि मेरे बैंक खाते में मात्र 2.30 रुपये ही जमा हुए. बता दें कि किसान पाटिल उनकी पत्नी और बेटियों के नाम 11 एकड़ जमीन है.
इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान पाटिल की दुर्दशा का ज़िक्र किया. ठाकरे ने कहा कि यह मजाक है कि पालघर में किसानों को फसल बीमा मुआवजे के रूप में केवल 2 रुपये और कुछ पैसे मिले हैं.
ऐसा ही एक मामला 10 दिन पहले वाशिम जिले के अडोली गांव से आया था, जहां युवा किसान सतीश इडोले ने अपने 2 एकड़ खेत में सोयाबीन की फसल बोई थी, जिसमें उनका लगभग 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आया था, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसान की पूरी फसल बर्बाद हो गई थी, जिसके बदले में सरकार कि ओर से इस नुकसान के लिए सतीश इडोले को भरपाई के रूप में 5236 रुपये मिले, जिससे वो नाराज थे.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 3,258 करोड़ रुपये की राहत पैकेज को मंजूरी दी है. सरकार के अनुसार यह मदद उन किसानों की मदद के लिए है, जिनकी फसलें खरीफ 2025 सीजन में बहुत ज्यादा बारिश और बाढ़ के कारण खराब हो गईं. (PTI)
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