गोवंश संरक्षण के लिए केंद्र समेत राज्य की सरकारें काफी गंभीर हैं. यूपी, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में गायों की देखभाल के लिए गौशाओं और गोठानों को स्थापित किया जा रहा है. लेकिन, गोवंश को बड़े स्तर पर संरक्षण देने और उनके पारंपरिक रहवास के लिए मध्य प्रदेश सरकार काउ सफारी का निर्माण करने जा रही है. इसे गौ अभ्यारण भी कहा जाएगा. यानी टाइगर सफारी के बाद राज्य में काउ सफारी भी होगी. खास बात ये है कि इस काउ सफारी में 10 हजार से ज्यादा गोवंश को जंगल के वातावरण में रहने का लाभ मिलेगा.
इस विषय को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि बगदरा घाटी में सड़क के दोनों ओर 20-20 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल क्षेत्र को फेनसिंग कर वन्य प्राणियों से सुरक्षित किया जाएगा. लगे हुए राजस्व भूमि के 50 एकड़ जमीन पर गौशाला और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. डिप्टी सीएम शुक्ल बगदरा में गौ-अभयारण्य विकसित करने की कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे.
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राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि बसामन मामा गौ अभयारण्य की तर्ज पर यहां भी दानदाताओं और जनसहयोग से गौशाला के संचालन में सहयोग लिया जाएगा. वहीं गोवंश के संरक्षण के सहयोग लिया जाएगा. गोवंश के संरक्षण के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 10 हजार गौ माता के संरक्षण के लिए गौ-अभयारण्य विकसित किए जाने के प्रयास होने चाहिए.
प्रभारी कलेक्टर डॉ परीक्षित झाड़े और जिला वनमंडलाधिकारी (DFO) विपिन पटेल ने बगदरा घाटी में बनाए जाने वाले गौ अभ्यारण्य की रूपरेखा और कार्य योजना पेश की. गौ-अभयारण्य में लगभग बीस हजार गौवंशीय पशुओं को रखने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही ये भी बताया गया कि बगदरा घाटी के समीप निकटतम ग्राम पिण्डरा और पड़मनिया जागीर में गौशालायें संचालित की जा रही हैं.
सतना में स्वीकृत कुल 110 गौशालाओं में से 90 गौशालाएं पूर्ण कर संचालित की जा रही हैं. बैठक में गौशालाओं के संचालन से स्थानीय जनों की आजीविका सुधार में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी गई. बैठक में स्थानीय जन प्रतिनिधि राजस्व और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.
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