भिंडी की खेती किसानों के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि इसके हमेशा अच्छे दाम मिलते हैं. इसके सेवन से स्वास्थ्य को भी कई फायदे होते हैं. पर भिंडी की खेती में अच्छी फसल पाने और मुनाफा कमाने के लिए पौधों की खेतों में विशेष देखभाल करनी पड़ती है. इसमें रोग और कीटों का संक्रमण जल्दी और तेजी से होता है. इसलिए हमेशा खेत की निगरानी करते रहना चाहिए. भिंडी में लगने वाला खस्ता फफूंदी रोग भिंडी की खेती को कई तरह से प्रभावित करता है. यह पौधों से पोषक तत्वों को छीन लेता है. इसके कारण पौधे कमजोर हो जाते हैं. पौधों के कमजोर होने पर इनकी विकास दर धीमी हो जाती है.
भिंडी के पौधों को सफेद फफूंदी रोग से बचाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह आसानी से बाजार में उपलब्ध होता है. इसका उपयोग जैविक खेती में किया जाता है. बेकिंग सोडा के कारण पत्तों में फंगल इंफेक्शन नहीं हो पाता है. यह उसे रोकता है. इसके साथ साथ अगर उपलब्ध हो, तो पोटेशियम बाइकार्बोनेट का उपयोग करें जो सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) से अधिक प्रभावी है. पानी और पोटेशियम बाइकार्बोनेट का स्प्रे कुछ हद तक ख़स्ता फफूंदी रोग को मार देता है. इनका इस्तेमाल शुरुआती दौर में ही करना चाहिए क्योंकि अगर समस्या गंभीर हो जाती है तो फिर सिर्फ इनके स्प्रे से सफेद फफूंद पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है. अगर एक बार रोग बढ़ जाता है तो फिर रासायनिक स्प्रे से भी काम नहीं होता है.
ये भी पढ़ेंः मिर्च की नर्सरी लगाने में ये टिप्स आएगी काम, इन खादों के प्रयोग से स्वस्थ रहेंगे पौधे
ये भी पढ़ेंः खरीफ प्याज की खेती: उन्नत वैरायटी, बीज की मात्रा, रोपाई का समय और मुनाफे की पाएं जानकारी
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today