scorecardresearch
गांदरबल की सिंध नदी में हुई ऑक्सीजन कमी, मर गईं हजारों मछलियां

गांदरबल की सिंध नदी में हुई ऑक्सीजन कमी, मर गईं हजारों मछलियां

पर्यावरणविदों का कहना है कि फिलहाल हालात बेहद खराब हो चुके हैं और यह एक अलार्मिंग सिचुएशन हैं. यह इस बात का संकेत है कि सरकार को अब बिना देरी किए ही प्रदूषण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की जरूरत है.

advertisement
नदी में आक्सीजन की कमी से मछलियों की मौत (सांकेतिक तस्वीर) नदी में आक्सीजन की कमी से मछलियों की मौत (सांकेतिक तस्वीर)

कश्मीर में इस बार रिकॉर्डतोड़ गर्मी देखने के लिए मिल रही है. गर्मी के कारण यहां का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. गर्मी और प्रदूषण के कारण यहां के इकोसिस्टम पर भी व्यापक असर पड़ रहा है. कश्मीर में गांदरबल जिले में भी गर्मी और प्रदूषण का असर देखा जा रहा है. इसका असर यहां के जलीय जीवन पर भी पड़ा है. इससे मछलियों को नुकसान हो रहा है. गांदरबल के सिंध नदी में हजारों मछलियां और अन्य जलीय जीवों की मौत हो गई. हजारों मरी हुईं मछलियां पानी के ऊपर तैरती हुई दिखाईं दी. बताया जा रहा है कि अत्यधिक गर्मी और प्रदूषण के कारण पानी में आक्सीजन की कमी हो गई, जिससे मछलियों की मौत हो गई. 

सिंध नदी की सतह पर तैरती हुई मरी हुईं मछलियां यह बताने के लिए काफी है यहां किस तरह से गर्मी पड़ रही है और प्रदूषण किस तरह से यहां के इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह एक ऐसा दौर है जब पूरी दुनिया में तापमान बढ़ रहा है और मौसम में बदलाव हो रहा है. कश्मीर भी इससे अछूता नहीं है. यहां पर लोग अधिक गर्मी महसूस कर रहे हैं. तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ प्लास्टिक के बेतहाशा इस्तेमाल से सीवेज के रूप में प्रदूषण जल निकायों को अवरूद्ध कर रहा है. इस प्रदूषण का असर मछलियों पर पड़ रहा है. इससे मछलियों की मौत हो रही है. 

ये भी पढ़ेंः इस साल दलहन की बंपर पैदावार की है उम्मीद, क्या कीमतों में भी आएगी गिरावट?

अभियान चलाने की जरूरत

पर्यावरणविदों का कहना है कि फिलहाल हालात बेहद खराब हो चुके हैं और यह एक अलार्मिंग सिचुएशन हैं. यह इस बात का संकेत है कि सरकार को अब बिना देरी किए ही प्रदूषण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की जरूरत है. अब वो समय आ गया है  जब जल के स्त्रोतों को संरक्षित करने और प्रदूषण मुक्त करने की जरूरत है. क्योंकि पहले ही बहुत देरी हो चुकी है. जलीय जीवों को प्रदूषण की मार से बचाने के लिए जलाशयों को प्लास्टिक और प्रदूषण मुक्त करना होगा. क्योंकि अगर अभी से ही सकारात्मक दिशा में अगर प्रयास नहीं किए तो आने वाले समय में यह जलीय जीवों के अस्तित्व के लिए संकट पैदा कर देगा. 

ये भी पढेंः बरसात में धान की फसल पर 'बकानी रोग' का खतरा, UP कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, अपनाएं ये खास टिप्स

मछली पकड़ने का अवैध तरीका

गांदरबल के सिंध नदी में मछलियों के मरने की यह कोई पहली घटना नहीं है. यहां पर मछलियों को पकड़ने के लिए अवैध रूप से ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे नदी के पारिस्थिति तंत्र के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. यह मछलियों के साथ-साथ अन्य जलीय जीवों के स्वास्थ्य को जोखिम में डाल रहा है. प्रतिबंधित होने के बाद भी धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि मछलियां पकड़ने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है जिससे बड़ी संख्या में मछलियां मर जाती हैं. यह मानव जीवन के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रहा है. (फरीद अली की रिपोर्ट)