ICAR वैज्ञानिक सुब्बान्‍ना अय्यप्पन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत, कावेरी नदी में मिला क्षत-विक्षत शव 

ICAR वैज्ञानिक सुब्बान्‍ना अय्यप्पन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत, कावेरी नदी में मिला क्षत-विक्षत शव 

सुब्बाना अय्यप्पन एक एग्रीकल्‍चर और फिशरीज (एक्‍वाकल्‍चर) साइंटिस्‍ट थे. उन्‍होंने दिल्ली, मुंबई, भोपाल, बैरकपुर, भुवनेश्वर और बेंगलुरु में काम किया. वे ICAR के पहले ऐसे डायरेक्‍टर जनरल थे जो गैर-फसल वैज्ञानिक थे. अय्यप्पन ने भारत की ‘ब्‍लू रेवोल्‍यूशन’ में बड़ा रोल अदा किया. इसी वजह से उन्‍हें साल 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.कृषि अनुसंधान में सक्रिय होने के अलावा, उन्होंने कई संस्थानों का निर्माण और पोषण किया.

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ICAR वैज्ञानिक सुब्बान्‍ना अय्यप्पन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत, कावेरी नदी में मिला क्षत-विक्षत शव साल 2022 में अय्यपपन को पद्मश्री से सम्‍मानित किया गया था (फाइल फोटो)

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक रहे एग्री साइंटिस्‍ट (मत्स्य) और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुब्बान्‍ना अय्यप्पन की रहस्यमय परिस्थितियों में निधन होने की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि शनिवार को मांड्या जिले के श्रीरंगपटना में कावेरी नदी में उनका क्षत-विक्षत शव मिला है. 70 साल के अय्यप्पन के परिवार में उनकी पत्‍नी और दो बेटियां हैं. सुब्बाना अय्यप्पन मैसूरु में श्री रामकृष्ण आश्रम और श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर ध्यान के लिए जाते थे. 

परिवार ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट 

स्‍थानीय मीडिया ने पुलिस के हवाले से बताया, 'अय्यप्‍पन मैसूर के विश्वेश्वर नगर इंडस्‍ट्रीयल एरिया के तहत आने वाले अक्कमहादेवी रोड पर रहते थे. उनका स्कूटर नदी के किनारे बरामद हुआ है. शुरुआती जानकारी से पता चला है कि वह तीन दिन पहले श्रीरंगपटना में साईंबाबा आश्रम के पास नदी में कूद गए थे.' पुलिस की मानें तो उनके परिवार के सदस्यों ने तीन दिन पहले मैसूर के विद्यारण्यपुरम पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि अय्यप्‍पन घर से निकलने के बाद लापता हो गए हैं. 

शव को पोस्टमार्टम के लिए मैसूर के केआर अस्पताल ले जाया गया. उनकी मौत का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने बताया है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. उनकी रिश्तेदार और वकील श्रीनिधि ने इस बात की पुष्टि की है कि अय्यप्पन मैसूरु में श्री रामकृष्ण आश्रम और श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर ध्यान के लिए जाते थे. दुर्भाग्य से, उनका शव नदी में मिला. 

कौन थे सुबन्‍ना अय्यप्‍पन 

सुब्बाना अय्यप्पन एक एग्रीकल्‍चर और फिशरीज (एक्‍वाकल्‍चर) साइंटिस्‍ट थे. उन्‍होंने दिल्ली, मुंबई, भोपाल, बैरकपुर, भुवनेश्वर और बेंगलुरु में काम किया. वे ICAR के पहले ऐसे डायरेक्‍टर जनरल थे जो गैर-फसल वैज्ञानिक थे. उन्होंने भुवनेश्वर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (CIFA) के निदेशक के तौर पर काम किया. इसके अलावा वह मुंबई स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन (CIFE) के डायरेक्‍टर भी रहे. वहीं केंद्रीय कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव, हैदराबाद स्थित नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के फाउंडर सीई और टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज के लिए नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके थे. 

ब्‍लू रेवोल्‍यूशन के लिए मिला था पद्मश्री 

सुब्बाना अय्यप्पन ने भारत की ‘ब्‍लू रेवोल्‍यूशन’ में बड़ा रोल अदा किया. इसी वजह से उन्‍हें साल 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.कृषि अनुसंधान में सक्रिय होने के अलावा, उन्होंने कई संस्थानों का निर्माण और पोषण किया. अय्यप्‍पन ने इंफाल स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के कुलपति के पद पर भी अपनी सेवाएं दी थीं. 10 दिसंबर, 1955 को जन्मे, अय्यप्‍पन कर्नाटक के चामराजनगर जिले के यलांदूर के रहने वाले थे. उन्होंने मंगलुरु में फिशरिज साइंस में ग्रेजुएशन (बीएफएससी - 1975) और फिर इस में ही पोस्‍ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. साल उन्होंने 1998 में बेंगलुरु के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. 

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