बच्चू कडू और CM की बैठकमहाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर नागपुर में आंदोलन जारी है. इस बीच पूर्व राज्य मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने आज मराठा आंदोलनकारी मनोज पाटिल के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वह सरकार से चर्चा के लिए मुंबई रवाना हो गए. किसान नेता बच्चू कडू ने कहा कि सरकार कितनी सकारात्मक है, यह तो मुझे नहीं पता, लेकिन हम सकारात्मक हैं. चाहे फैसला सही हो या न हो. अगर निर्णय हमारे पक्ष में नहीं हुआ, तो हम आंदोलन करने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि शाम को होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से चर्चा की जाएगी. बच्चू कडू ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बैठक किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल माफी और फसल नुकसान के मुआवजे जैसे मुद्दों पर निर्णायक होगी.
कडू ने कहा कि इस बैठक में सरकार अगर सरकार हमारी मांगों को स्वीकार करती है, तो हम उसका स्वागत करेंगे, लेकिन अगर किसानों के साथ अन्याय हुआ, तो कल से पूरे महाराष्ट्र में चक्का जाम और रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे.
इस दौरान मंच पर मौजूद मराठा आंदोलनकारी मनोज पाटिल ने भी कहा कि किसान अब दिशा तय कर चुके हैं और यदि सरकार ने ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और बड़ा रूप लेगा. बच्चू कडू ने आगे कहा कि किसानों की एकता और संघर्ष को कोई ताकत नहीं रोक सकती. हम सत्ता के लिए नहीं, किसानों के सम्मान और उनके अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. बता दें कि बच्चू कडू और उनकी टीम मुंबई पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगी और फिर आंदोलन की अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी.
मराठा आंदोलनकारी नेता मनोज पाटिल ने नागपुर में चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेते हुए कहा कि वे यहां “किसानपुत्र” के नाते आए हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को समझना चाहिए कि आंदोलन का एक मुखिया होता है, और सभी को मिलकर उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. सरकार के रवैये पर टिप्पणी करते हुए पाटिल ने कहा कि कल जो हुआ उसमें सरकार की भूमिका ठीक नहीं लगी, लेकिन किसानों का एक साथ आना देखकर अच्छा लगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि किसानों को अब जल्द न्याय मिलेगा.
नागपुर में किसान नेता बच्चू कडू के नेतृत्व में चल रहा किसानों का कर्जमाफी आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा, लेकिन रात भर हुई तेज बारिश ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी, जिस ग्राउंड में हज़ारों किसान डटे हुए थे, वह पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गया था. बारिश के चलते पंडाल के आसपास पानी भर गया और बिजली की लाइनें भी बंद करनी पड़ीं.
ऐसे हालात में आंदोलनकारी किसानों ने जहां-जहां थोड़ी बहुत जगह मिली, वहां सिर ढकने की कोशिश की. कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर की ट्रॉली पर तिरपाल डालकर रात बिताई. कई किसान भूखे पेट ही सो गए क्योंकि रसोई की व्यवस्था बारिश में ठप पड़ गई थी.
एक किसान ने कहा कि हम तो कर्ज में डूबे हुए थे, अब इस बारिश में और कीचड़ में भी डूब गए हैं. लेकिन जब तक सरकार पूरी कर्जमाफी नहीं करती, हम यहां से नहीं हटेंगे. बारिश से आंदोलन स्थल पर हालात और बिगड़ गए हैं. बावजूद इसके, किसानों का जोश ठंडा नहीं पड़ा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today