देश की राजधानी दिल्ली में G 20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है. इस आयोजन में विश्व के 20 देशों से बड़े नेता शामिल होने के लिए भारत पहुंचे हैं. इस सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को परोसे जाने वाले मोटे अनाज यानी मिलेट्स से बने व्यंजनों की खूब चर्चा है. इसमें मिलेट्स से बने कई खास तरह के भोजन भी शामिल हैं. मेहमानों के ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में 500 से ज्यादा डिशेज को शामिल किया गया है, जिसमें मिलेट्स के व्यंजन को काफी प्राथमिकता मिल रही है. शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों और VVIP मेहमानों को मिलेट्स के बने खीर और कुकीज भी परोसा जाएगा.
जिस मिलेट्स की चर्चा इस सम्मेलन में है, उस मिलेट्स को दुनिया के कई देशों में बड़े चाव से खाया जाता है. इन मोटे अनाजों का निर्यात भारत से बड़े पैमाने पर होता है. वहीं भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने मिलेट्स के फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मान्यता दी है. इसके बाद पूरी दुनिया में मिलेट्स की धूम है. भारत इस जागरूकता में बड़ी भूमिका निभा रहा है.
अब आइए जान लेते है कि भारत से मिलेट्स निर्यात की क्या स्थिति है. यहां हम खास तौर पर बाजरे की बात करेंगे जो मिलेट्स का अहम हिस्सा है. पिछले पांच वर्षों में भारत से बाजरा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 2018-19 में, भारत ने लगभग दो लाख मीट्रिक टन बाजरा निर्यात किया, जो 2019-20 में घटकर 1.2 लाख मीट्रिक टन रह गया. हालांकि, उसके बाद वाले वर्ष से लगातार उछाल देखा गया.
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ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 में बाजरा निर्यात 1.6 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जिससे भारत को अच्छी-खासी कमाई हुई.यह कमाई 608.12 करोड़ (लगभग 75.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर) तक रही.
भारत दुनिया में बाजरा के शीर्ष पांच निर्यातकों में से एक है और भारतीय बाजरा को विदेशों में काफी पसंद किया जा रहा है. भारतीय बाजरा के टॉप दो आयातक संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब हैं. इसके बाद नेपाल और बांग्लादेश का नाम आता है. 2022-23 में भारत ने इन चार देशों को लगभग 100,000 मीट्रिक टन बाजरा निर्यात किया. वैल्यू के हिसाब से इनसे 266 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
डाटा इंटेलिजेंस यूनिट के आंकड़े के मुताबिक, 2018-19 में भारत ने बाजरे के निर्यात से 542 करोड़ रुपये की कमाई की. वही 2019-20 में 426 करोड़, 2020-21 में 436 करोड़, 2021-22 में 469 करोड़ और 2022-23 में यह बढ़कर 608 करोड़ रुपये हो गया. 2018-19 में भारत ने 219402 मीट्रिक टन, 2019-20 में 129013 मीट्रिक टन, 2020-21 में 146994 मीट्रिक टन, 2021-22 मे 158510 और 2022-23 में 169049 मीट्रिक टन बाजरे का निर्यात किया.
डाटा इंटेलिजेंस यूनिट के आंकड़ों के अनुसार भारत ने 81709 मीट्रिक टन बाजरे का निर्यात किया है जिससे 247 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इसके साथ ही 47249 मीट्रिक टन ज्वार का निर्यात कर 185 करोड़ रुपये, 21439 मीट्रिक टन रागी का निर्यात कर 116 करोड़ रुपये और 16845 मीट्रिक टन अन्य मोटे अनाज का निर्यात कर 52 करोड़ रुपये की कमाई की है.
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