ओपन मार्केट सेल स्कीम: 11वीं नीलामी में स‍िर्फ 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल ब‍िका

ओपन मार्केट सेल स्कीम: 11वीं नीलामी में स‍िर्फ 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल ब‍िका

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 6 सितंबर को आयोजित 11वीं ई-नीलामी में देशभर से 500 डिपो से कुल 2 लाख टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी. इसमें कहा गया है क‍ि ई-नीलामी में 1.66 लाख टन गेहूं और 0.17 लाख टन चावल बेचा गया. पूरे भारत में एफएक्यू (उचित और औसत गुणवत्ता) गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले औसत बिक्री मूल्य 2,169.65 रुपये प्रति क्विंटल था,

Advertisement
ओपन मार्केट सेल स्कीम: 11वीं नीलामी में स‍िर्फ 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल ब‍िकागेहूं और चावल की खरीद का आंकड़ा

 केंद्र सरकार ने कहा है क‍ि जमाखोरी से बचने के लिए, बड़े व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया था. योजना के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसर्स की आटा मिलों पर नियमित जांच की जा रही है. हालांक‍ि, चावल की कीमतों में नहीं आई है कमी. बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS), घरेलू के तहत पिछले सप्ताह 11वीं ई-नीलामी के जर‍िए केंद्रीय पूल से 1.66 लाख टन गेहूं और केवल 17,000 टन चावल बेचा है. पिछले महीने ही सरकार ने घोषणा की थी कि वह अनाज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल को थोक खरीदारों के लिए खुले बाजार में उतारेगी.

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 6 सितंबर को आयोजित 11वीं ई-नीलामी में देशभर से 500 डिपो से कुल 2 लाख टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी. 

इसमें कहा गया है क‍ि ई-नीलामी में 1.66 लाख टन गेहूं और 0.17 लाख टन चावल बेचा गया. पूरे भारत में एफएक्यू (उचित और औसत गुणवत्ता) गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले औसत बिक्री मूल्य 2,169.65 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि यूआरएस (आराम विनिर्देशों के तहत) गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2,150.86 रुपये प्रति क्विंटल था. जबकि आरक्षित मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल था. चावल के मामले में, औसत बिक्री मूल्य 2,956.19 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि पूरे भारत में आरक्षित मूल्य 2,952.27 रुपये प्रति क्विंटल था.

एक खरीदार को अध‍िकतम 100 टन गेहूं

मंत्रालय ने कहा कि खुदरा कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए छोटे खुदरा विक्रेताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एफसीआई एक खरीदार को अधिकतम 100 टन गेहूं और 1,000 टन चावल की पेशकश कर रहा है. इसमें कहा गया है कि यह निर्णय छोटे और सीमांत अंतिम उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था कि अधिक प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से बोली लगा सकें.

ये भी पढ़ें: Paddy Procurement: समय से पहले धान खरीद शुरू करने की तैयारी में हरियाणा सरकार, केंद्र से मांगी अनुमत‍ि

योजना से बाहर हैं बड़े व्यापारी

जमाखोरी से बचने के लिए, बड़े व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया था. योजना के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसर्स की आटा मिलों पर नियमित जांच की जा रही है. ओएमएसएस और गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध सहित सरकारी हस्तक्षेपों के कारण, 10 सितंबर को गेहूं की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम और आटा (गेहूं का आटा) 30.39 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 35.62 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहा. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की अवधि में गेहूं के लिए 35.72 रुपये प्रति किलोग्राम और आटे के लिए 35.72 रुपये प्रति किलोग्राम था.

चावल की कीमतों में कमी नहीं

हालांकि, चावल की कीमतें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं, जबक‍ि चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध भी है. चावल का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 10 सितंबर को 42.26 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 37.44 रुपये प्रति किलोग्राम था. आंकड़ों से यही पता चल रहा है.

POST A COMMENT