शंभू बॉर्डर पर किसानों का जत्था हरियाणा में घुसने की कोशिश में लगा है. किसान गैस मास्क, जेसीबी, बुलडोजर के साथ लैस हैं और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब के हजारों किसान आज दिल्ली कूच का ऐलान पहले ही कर चुके हैं. इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. किसान एमएसपी गारंटी से कुछ भी कम नहीं चाहते हैं, जबकि सरकार ने पांच फसलों की पांच साल की खरीद का फॉर्मूला दिया था जिसे किसानों ने नकार दिया है. इसी के साथ किसानों ने मंगलवार से दिल्ली कूच का ऐलान किया है.
इधर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार आंदोलनरत किसानों से हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है. मुंडा ने कहा कि सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की मांग, crop diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है. वे दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं और शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.
इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ''हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है... हमने 7 नवंबर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है. अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है... ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे... नहीं तो हमारी मांगें मान ले... हम शांत हैं... अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे... हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा... मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं...''
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दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस ने जिस तरह से बैरिकेडिंग की है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या रहेगी. हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने चेक पॉइंट्स पर कड़ी निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसानों को दिल्ली मे न घुसने दिया जाएगा.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह आगे आएं और विरोध खत्म करने में उनकी मदद करें. पंधेर ने कहा, "हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें. हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर एक कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें... ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा...हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं...हमने क्या अपराध किया है?...हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है. हमने कभी नहीं सोचा था कि सेनाएं हम पर इस तरह जुल्म करेंगी रास्ता...कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें। यह हमारा अधिकार है.''
पंधेर ने वादा किया कि प्रदर्शनकारी किसान शांति बनाए रखेंगे. “हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. हमने बैठकों में हिस्सा लिया, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है. हम शांतिपूर्ण रहेंगे...प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए. 1.5-2 लाख करोड़ कोई बड़ी रकम नहीं है...हमें इन बाधाओं को हटाने और दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए,'' उन्होंने कहा.
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समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं. किसान 1200 ट्रैक्टर ट्रॉली, 300 कारों और 10 मिनी बसों में यात्रा कर रहे हैं. गृह मंत्रालय ने आगे बताया कि 500 ट्रैक्टर वाले 4500 लोगों को भी ढाबी-गुजरान बैरियर पर इकट्ठा होने की अनुमति दी गई थी.
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