ग्रेटर नोएडा में आज यानी सोमवार को किसानों का हल्ला बोल आंदोलन जोर पकड़ रहा है. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसानों ने एक बार फिर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर महापंचायत का आयोजन किया है.
महापंचायत के मद्देनजर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. करीब 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ पीएसी की दो बटालियन भी मौके पर मौजूद हैं. प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं.
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किसानों का यह प्रदर्शन 10 परसेंट विकसित प्लॉट, बढ़े हुए मुआवजे और अन्य लंबित मांगों को लेकर हो रहा है. प्रदर्शन में राकेश टिकैत सहित आधा दर्जन से अधिक किसान संगठनों के नेता शामिल हो रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह महापंचायत आयोजित की गई है. इसमें हजारों किसानों ने हिस्सा लिया है. किसान संगठनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
अब तक प्राधिकरण की ओर से इस प्रदर्शन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. महापंचायत के दौरान किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और तेज होगा. किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता.
इस बारे में किसान नेताओं ने बताया कि यह महापंचायत अब महापड़ाव में बदलेगी और दिन-रात किसान धरना देंगे. उनका आंदोलन 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर रहेगा. उसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर इस आंदोलन को जारी रखा जाएगा. फिर आंदोलन के अंतिम चरण में 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान किसान दिल्ली कूच करेंगे और अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे.
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एसकेएम नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में आएं और इस आंदोलन में हिस्सा लें. टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है और मामले को टाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जातीं, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.(भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट)
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