दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था. इस्लामाबाद और लाहौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई. भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में भी महसूस किए गए. अफगानिस्तान भी इन झटकों से हिल गया. बता दें कि बीते दो हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
इसके अलावा था महाराष्ट्र के सतारा में कोयना बांध क्षेत्र में भूकंप आया है. रात 9:14 बजे कोयना बांध क्षेत्र में रिक्टर पैमाने पर 2.5 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप का केंद्र हेल्वाक गांव से 6 किमी दूर बांध से 8.8 किमी दूर था. संबंधित विभाग ने कहा कि यह झटका महसूस नहीं हुआ. इस बीच, प्रशासन ने बताया कि इस भूकंप से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है और न ही आर्थिक नुकसान हुआ है. इस भूकंप का केंद्र बांध से 8.8 किमी दूर हेलवाक गांव में 7 किमी की गहराई पर था. ऐसी जानकारी भूकंप मापन केंद्र ने दी.
पृथ्वीत टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. तब ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है. जब इससे डिस्ट्र्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है.
An earthquake with a magnitude of 5.8 on the Richter Scale hit Pakistan at 12:58 pm (IST) today: National Center for Seismology pic.twitter.com/zhBonY3YTb
— ANI (@ANI) September 11, 2024
रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केइल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है. रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है. जबकि 2.0 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप छोटा होता है. दूसरी ओर 4.5 तीव्रता वाले भूकंप घरों और अन्य रचनाओं को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं. इन्हें मध्यम भूकंप मान सकते हैं
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
- 1 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है.
- 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
- 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
- 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
- 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
- 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.
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