हरियाणा के कुरुक्षेत्र के लघु सचिवालय में उस समय हंगामा मच गया, जब भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) को थप्पड़ मार दिया. चालू धान खरीद सत्र के दौरान मंडियों में हो रही गड़बड़ियों और भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाते हुए किसान नेता ने अधिकारियों पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से कम कीमत पर धान बेचने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया.
यूनियन के सदस्यों को संबोधित करते हुए चढूनी, जिनकी एक खरीद केंद्र पर कमीशन एजेंट की दुकान भी है. वो रो पड़े और आरोप लगाया कि उन्होंने बिना अनुमति के कटौती करने से इनकार कर दिया था, इसलिए उनकी दुकान से उठान नहीं हुआ. सुचारू खरीद की मांग को लेकर वे मंगलवार शाम से ही लघु सचिवालय पर धरना दे रहे थे. वहीं, बुधवार को और भी किसान धरना स्थल पर पहुंचने लगे और अपनी नाराजगी जताने के लिए धान से लदे ट्रैक्टर से बोरी उतारने की कोशिश की.
उन्होंने दावा किया कि हमने प्रशासन और सरकार से बार-बार अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हजारों क्विंटल धान खराब हो रहा है. पिछले साल भी मेरी दुकान से कोई स्टॉक नहीं उठाया गया था. हमें इसे दूसरे राइस मिलर से उठवाना पड़ा.
इस बीच, डीएफएससी राजेश कुमार प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मौके पर पहुंचे. हालांकि, प्रदर्शन में देरी से नाराज़ होकर चाढूनी ने कथित तौर पर डीएफएससी को थप्पड़ मार दिया. उन्हें और यूनियन के अन्य सदस्यों को पुलिस वैन में झांसा थाने ले जाया गया. सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में किसान थाने के बाहर जमा हो गए. बाद में उन्हें सिटी थानेसर थाने ले जाया गया और चढूनी और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जांच में शामिल होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
इस बीच, घटना के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए खरीद एजेंसी ने कुरुक्षेत्र में खरीद कार्य स्थगित कर दिया है. चढूनी ने कहा कि अनाज मंडियों और खरीद केंद्र चावल मिल मालिकों को आवंटित किए जाते हैं, जो एकाधिकार स्थापित करते हैं और किसानों से कटौतियां वसूलते हैं. हमारी मांग है कि मिल मालिकों को किसी भी अनाज मंडी से धान खरीदने की आजादी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ पहले से ही 20 मामले दर्ज हैं. मैं एफआईआर से नहीं डरता, हमारी मांग है कि डीएफएससी को निलंबित किया जाए और जल्द से जल्द एक नए अधिकारी की नियुक्ति की जाए. 25 अक्टूबर को राज्य स्तरीय बैठक होगी और अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम आंदोलन तेज करेंगे.
कुरुक्षेत्र के एसपी नितीश अग्रवाल ने कहा कि डीएफएससी से मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी जांच में शामिल हो गए हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई उसी के अनुसार की जाएगी. डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि उठान के लिए रिलीज ऑर्डर जारी करने की मांग पहले ही पूरी हो चुकी है और डीएफएससी किसानों से बातचीत करने गए थे. किसानों से कहा गया है कि अगर उन्हें डीएफएससी से कोई शिकायत है, तो वे लिखित में दें.
इस बीच, आरोपों का खंडन करते हुए, डीएफएससी ने कहा कि ज़िला धान उठाव और भुगतान में आगे है. अब तक कुल ख़रीद (6.67 लाख टन) का 85 प्रतिशत उठाव हो चुका है और 96 प्रतिशत भुगतान हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि चाढूनी सिर्फ़ अपनी निजी दुकान से जुड़े मुद्दे उठा रहे थे, न कि किसान समुदाय से जुड़े.
उन्होंने कहा कि वह एक कमीशन एजेंट है, किसान नहीं. मैं इस मुद्दे पर बात करने वहां गया था, लेकिन उन्होंने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. वह वीडियो के ज़रिए अधिकारियों को धमका रहा था. कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. वह ख़रीद में बाधा डाल रहा है. उपद्रव मचाने के लिए उसे गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. मैंने इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के सामने उठाया है.
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