क्या कार्बाइड से आम पकाने पर निकलती है एसिटिलीन गैस? आखिर FSSAI ने क्यों लगाई इसके उपयोग पर रोक

क्या कार्बाइड से आम पकाने पर निकलती है एसिटिलीन गैस? आखिर FSSAI ने क्यों लगाई इसके उपयोग पर रोक

एफएसएसएआई ने एक बयान में कहा कि आम जैसे फलों को पकाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं. एफएसएसएआई की माने ये पदार्थ, चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर आदि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

Advertisement
क्या कार्बाइड से आम पकाने पर निकलती है एसिटिलीन गैस? आखिर FSSAI ने क्यों लगाई इसके उपयोग पर रोकक्या कैल्शियम कार्बाइड से पकाए जाते हैं फल. (सांकेतिक फोटो)

फलों को कृत्रिम रूप से पकाने की प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने व्यापारियों, फल संचालकों और खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) से फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के मानदंडों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है. एफएसएसएआई ने कहा कि अब फलों को कैल्शियम कार्बाइड से नहीं पकाया जा सकता है. क्योंकि मानदंड फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर रोक लगाता है.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. अपनी सलाह में, इसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उन लोगों के खिलाफ "गंभीर कार्रवाई करने और सख्ती से निपटने" के लिए कहा है जो "एफएसएस अधिनियम, 2006 और नियमों/विनियमों के प्रावधानों के अनुसार ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. एफएसएसएआई ने एक बयान में कहा कि आम जैसे फलों को पकाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं.

ये भी पढ़ें- Potato production: इतने महीने बाद सस्ता हो जाएगा आलू, जानें कीमतों में कब से शुरू होगी गिरावट

फास्फोरस के अवशेष छोड़ सकता है

एफएसएसएआई की माने ये पदार्थ, चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर आदि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा, एसिटिलीन गैस इसे संभालने वालों के लिए भी उतनी ही खतरनाक है. एक बयान में कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि कैल्शियम कार्बाइड प्रयोग के दौरान फलों के सीधे संपर्क में आ सकता है और फलों पर आर्सेनिक और फास्फोरस के अवशेष छोड़ सकता है.

कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध

इन खतरों के कारण, खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) विनियम, 2011 के तहत फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. एफएसएसएआई ने बताया कि यह विनियमन स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी व्यक्ति एसिटिलीन गैस, जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, के उपयोग द्वारा कृत्रिम रूप से पकाए गए फलों को किसी भी विवरण के तहत अपने परिसर में नहीं बेचेगा या पेश नहीं करेगा या बिक्री के लिए नहीं रखेगा. बयान में कहा गया है कि मानदंड भारत में फल पकाने के लिए सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के उपयोग की अनुमति देते हैं.

ये भी पढ़ें-  MP में किसानों ने सरकारी क्रय केंद्र से बनाई दूरी, 60 फीसदी गेहूं खुले बाजार में बेचा, अभी तक 42 लाख टन हुई खरीदी

 

POST A COMMENT