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कीट से सबसे अधिक प्रभावित होती है पत्तागोभी की खेती, कैसे नियंत्रित करें किसान

कीट से सबसे अधिक प्रभावित होती है पत्तागोभी की खेती, कैसे नियंत्रित करें किसान

इसकी खेती से किसानों को अच्छी कमाई होती है. पर कीट और रोग इसकी खेती के लिए सबसे बड़ा विलेन बन कर उभरती है. कीट और रोगों के कारण किसानों को सबसे अधिक नुकसान होता है. इससे सब्जी की गुणवत्ता खराब हो जाती है इसके कारण कीमत कम मिलती है और अगर सही तरीके से कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो इसमें अधिक पैसे भी खर्च हो जाते हैं.

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अगर पत्ता गोभी है पसंद तो जान लें किस राज्य में होती है अधिक पैदावार अगर पत्ता गोभी है पसंद तो जान लें किस राज्य में होती है अधिक पैदावार

पत्तागोभी और फूलगोभी एक लोकप्रिय सब्जी है. लोग इसे खाना खूब पसंद करते हैं. पत्ता गोभी एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग पूरे विश्व में होती है. इसलिए बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है. दुनिया में सबसे अधिक पत्तोगोभी की खेती एशिया में होती है. इसके बाद युरोप का नंबर आता है. विश्व के पांच देश भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और रूस में इसकी खेती की जाती है. इसमें विटामिन सी और ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है. फूलगोभी और पत्तागोभी को कच्चा और पकाकर दोनों की रूप में खाया जाता है. भारत में आमतौर पर सर्दियों के मौसम में पत्तागोभी की खेती की जाती है.

हालांकि इसकी खेती किसी भी मौसम में कि जा सकती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छी कमाई होती है. पर कीट और रोग इसकी खेती के लिए सबसे बड़ा विलेन बन कर उभरती है. कीट और रोगों के कारण किसानों को सबसे अधिक नुकसान होता है. इससे सब्जी की गुणवत्ता खराब हो जाती है. इसके कारण कीमत कम मिलती है और अगर सही तरीके से कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो इसमें अधिक पैसे भी खर्च हो जाते हैं और फायदा भी नहीं होता है. इसलिए हमें यह जानना जरूरी है कि इसकी खेती में किस तरह से कीट और रोगों पर नियंत्रण हासिल किया जा सकता है. साथ ही इसकी पहचान कैसे की जा सकती है.

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डायमंडबैक कीट

डायमंडबैक कीट की इल्लियां पत्तों को हरे पदार्थ को खाती हैं. खाई हुई जगह पर केवल सफेद झिल्ली रह जाती है जो बाद में छेद में बदल जाती है. इस कीट के नियंत्रण के लिए नीम बीज का अर्क 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा स्पिनोसिड 45 एस.सी. 1 मिली प्रति 4 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें. इसके अलावा और भी दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं. 

कैबेज बटरफ्लाई

कैबेज बटरफ्लाई की इल्लियां सबसे पहले पौधों के पत्ते को खाती हैं, फिर फूलों में घुस कर उन्हें बर्बाद कर देती हैं. कैबेज बटरफ्लाई कीट को नियंत्रित करने के लिए प्रारंभिक अवस्था में ही अंडों के समूह और इल्लियों के झुड वाले पत्तों को खेत से निकालकर दूर फेंक देना चाहिए. इस कीट के नियंत्रण के लिए डायमंडबैक कीट के नियंत्रण में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए. फिर भी अगर नियंत्रण नहीं हो तो नजदीकी कृषि केंद्र में जाकर संपर्क करना चाहिए. 

कैबेज बोरर

कैबेज बोरर कीट फलों में सुरंग बनाकर पत्तों को खाती है और फिर इसे छेदकर इसे बर्बाद कर देती है. इसे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है. इस कीट के नियंत्रण के लिए नीम बीज अर्क एक ग्राम प्रति लीटर मिलाकर छिड़काव करें. या फिर स्पाइनोसेड 45 एस.सी. 1 मिली प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. 

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टोबैको कैटरपिलर

इस कीट की इल्लियां शुरू में झुंड में पत्तों को खाती हैं और फिर बाद में दूसरे पौधों में फैल जाती हैं. इस तरह से यह पूरे खेत की फसल को बर्बाद कर देती है. इस कीट के नियंत्रण के लिए इसके अंडे को ढूंढकर नष्ट कर देना चाहिए. इसके अलावा नीम के अर्क का प्रभावित पौधों में छिड़काव करना चाहिए.