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Heat Wave Alert: मध्य भारत में लू का असर शुरू, इन शहरों में 41 डिग्री तक पहुंचा पारा

Heat Wave Alert: मध्य भारत में लू का असर शुरू, इन शहरों में 41 डिग्री तक पहुंचा पारा

बढ़ते तापमान और गर्मी का के कारण मध्य प्रदेश में गुना और सागर जैसे शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं. जहां गुना का अधिकतम तापमान  41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया वहीं सागर का अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दोनों ही शहरों का तापमान सामान्य से काफ़ी बढ़ा हुआ है जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा है.

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इन शहरों में पड़ रही प्रचंड गर्मी (सांकेतिक तस्वीर) इन शहरों में पड़ रही प्रचंड गर्मी (सांकेतिक तस्वीर)

मार्च का आखिरी सप्ताह चल रहा है और अप्रैल की अभी शुरुआत भी नहीं हुई है. पर गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है. गर्मियों की शुरुआत में ही मध्य भारत के कई शहर भीषण गर्मी की चपेट में हैं. इस वक्त मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और रायलसीमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों सहित मध्य भारत के कई शहरों में जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. इन क्षेत्रों में 28 मार्च, 2024 को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया गया. इन शहरों में लगातार बढ़ते पारे के पीछे की वजह भौगोलिक कारण को बताया गया है. इस तरह से मौसम के लिए बदलते मौसम के पैटर्न के इकट्ठा असर को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो दोनों ही बड़े ग्लोबल वार्मिंग ट्रेंड के संकेत हैं.

बढ़ते तापमान और गर्मी का के कारण मध्य प्रदेश में गुना और सागर जैसे शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं. जहां गुना का अधिकतम तापमान  41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं सागर का अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दोनों ही शहरों का तापमान सामान्य से काफ़ी बढ़ा हुआ है जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा है. इधर महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में भी यही स्थिति देखी जा रही है जहां तापमान सामान्य से कहीं ज़्यादा बढ़ गया है. विदर्भ क्षेत्र के अकोला शहर में तापमान खास तौर पर 42.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. जो इस मौसम के दौरान यहां का सबसे अधिक तापमान मे से एक है. 

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बढ़ते तापमान से होने वाली परेशानी

वहीं रायलसीमा क्षेत्र में भी गर्मी का कहर जारी है. कुरनूल  में अधिकतम तापमान 41.9 डिग्री सेल्सियस और  नांदयाल में अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. लगातार बढ़ती गर्मी ने रोजमर्रा की जिंदगी को खासा प्रभावित किया है. इतना ही नहीं बढ़ते तापमान ने  पानी की कमी और गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ते जोखिम के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं. मध्य भारत में तापमान में इस बड़ी बढ़ोत्तरी में ग्लोबल वार्मिंग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. देश में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ये शहर आमतौर पर उच्च तापमान के आदी हैं. फिर भी, इस साल देखी गई रिकॉर्ड तोड़ गर्मी एक खतरनाक रुझान की ओर इशारा करती दिखाई दे रही है. 

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मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने इन इलाकों के निवासियों को चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें दिन के समय पड़ने वाली भीषण गर्मी के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है. साथ ही हीटस्ट्रोक और गर्मी से जुड़ी अन्य बीमारियों से बचने के लिए दिशा-निर्देश भी साझा किए गए हैं. आईएमडी ने कहा है कि देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है, जिससे मार्च के अंत में पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और विदर्भ सहित अलग-अलग इलाकों में लू की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके अलावा, सौराष्ट्र और कच्छ, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और केरल और माहे के कुछ हिस्सों में गर्म और आर्द्र स्थिति की भविष्यवाणी की गई है.