भारत में केले के फल का एक प्रमुख स्थान है. केले में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं. केले का इस्तेमाल आमतौर पर सब्जी और चिप्स के लिए किया जाता है. इसके अलावा केले के कई अन्य खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं. जैसे, केला पूरी, जेली, जैम और जूस आदि शामिल हैं. इसके अलावा केले के वेस्ट से बैग, वॉल हैंगर जैसे सामान बनाए भी जाते हैं. केला एक ऐसा फल है, जिसका इस्तेमाल न केवल खाने में किया जाता है, बल्कि इसका पूजा पाठ में भी काफी महत्व है. केले में कार्बोहाइड्रेट और विटामिन के उच्च स्रोत पाए जाते हैं. साथ ही केले के सेवन से दिल के बीमारी वाले लोगों को कम खतरा रहता है और काफी सहायक भी होता है.
केला लगभग पूरे वर्ष बाजारों में उपलब्ध रहता है, जिसकी साल भर डिमांड बनी रहती है. केला पूरे साल लोगों की पसंद बना रहता है. अगर आप केला का पौधा लगाना चाहते हैं और उसका पौधा मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से केले की बेहतर 'जी-9' किस्म का बीज ऑनलाइन आसानी से अपने घर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन केले की जी9 किस्म का बीज बेच रहा है. इन फलों के बीज को आप ओएनजीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
NSC's की सर्वोत्तम क्वालिटी के केले की 'G-9' वैरायटी के Primary Hardened Tissue Culture पौधे अब @ONDC_Official पर भी उपलब्ध |
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) September 4, 2023
अभी https://t.co/TN4JiJxAkI लिंक पर ऑर्डर करें और घर बैठे मंगवाएं #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/BfT357QhHn
केले के पौधे की कई किस्म काफी फेमस हैं. लेकिन किसान अधिक पैदावार के लिए 'जी-9' किस्म का इस्तेमाल करते हैं. यह किस्म पकने के बाद भी लंबे समय तक खराब नहीं होता है. वहीं इस पौधे की एक और खासियत ये है कि केले के पौधे अक्सर आंधी-तूफान में बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, लेकिन यह मध्यम स्तर के आंधी-तूफान को बर्दाश्त करने में सक्षम है. इस किस्म में रोग लगने का खतरा कम होता है. वहीं इस किस्म के पौधे छोटे और मजबूत होते हैं. इसकी फसल का अच्छा उत्पादन मिलता है.
अगर आप भी केले के उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो 'जी-9' किस्म के 20000 पौधे फिलहाल 10 फीसदी छूट के साथ 3,37,476 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से केले की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
NSC Cluster bean (Guar), Kohinoor 51 IUS variety seeds are now available @ONDC_Official in 500 gm pack.
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) August 18, 2023
Click on https://t.co/DB80pLEedl to place your order online. #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/K2ByTCcJB3
बीन्स लता वाले समूह का एक पौधा है. इसके पौधों पर निकलने वाली फलियां सेम या बीन्स कहलाती हैं जिन्हें सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. बीन्स की कोहिनूर 51-IUS किस्म का फल हरे रंग का होता है. इसके फल अन्य किस्मों से लंबे होते हैं. इस बीन्स के बीज को लगाने के 48-58 दिनों के अंदर पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है. वहीं ये किस्म 90 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती किसान तीनों सीजन यानी रबी, खरीफ और जायद में कर सकते हैं. अगर आप भी बीन्स की कोहिनूर 51-IUS किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 500 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 550 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
NSC's Radish seeds of JW and 'Kashi Lohit' varieties are now available online @ONDC_Official in 100gm. pack.
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) August 15, 2023
Click on https://t.co/njNWfpyFCt to order online. #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/DwdRWyQFG1
मूली कच्ची सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उगाई जाती है. इसकी खेती कंद सब्जी के रूप में की जाती है. मूली की जापानी सफेद वैरायटी विदेशी है और पहाड़ी इलाकों में इसे अधिक उगाया जाता है. इसकी ख़ासियत यह है कि बुवाई के दो महीने बाद ही ये किस्म तैयार हो जाती है. इस मूली का स्वाद मीठा होता है और प्रति हेक्टेयर इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 25 से 30 टन है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट 30 रुपये में मिल जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today