राज्य सरकार का एकमात्र बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर, कृषि क्षेत्र में लगातार नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. हाल ही में, बीएयू के इन्क्यूबेशन सेंटर ने बिहार सरकार द्वारा अप्रैल 2025 में जारी राज्य स्तरीय स्टार्टअप इन्क्यूबेशन रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है. यह उपलब्धि इसलिए विशेष है क्योंकि इससे पहले बीएयू की रैंकिंग अंतिम स्थान पर थी.इसके प्रतिस्पर्धी संस्थानों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान (सीआईएमपी), और राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरपीसीएयू), पूसा जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल थे.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. डी.आर सिंह ने इस परिवर्तन का श्रेय विश्वविद्यालय के दूरदर्शी नेतृत्व, नई तकनीकी समर्थित इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक टीम वर्क को दिया है. उनके अनुसार, इन्क्यूबेशन सेंटर केवल राज्य में ही नहीं, बल्कि पूर्वी भारत में नवाचार आधारित कृषि स्टार्टअप्स के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है. उन्होंने कहा, "यह उपलब्धि स्पष्ट संस्थागत दृष्टि, समर्पित टीम और समयानुकूल रणनीति का परिणाम है. बीएयू सबौर ने कृषि नवाचार के क्षेत्र में न केवल राज्य बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मॉडल स्थापित किया है. यह सफलता युवा उद्यमियों, शोधकर्ताओं और किसानों को नई दिशा देगी.
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बीएयू के अनुसंधान और इन्क्यूबेशन सेंटर के निदेशक, डॉ. ए.के सिंह ने बताया कि केंद्र ने नवाचार, पारदर्शिता और लक्षित हस्तक्षेपों पर आधारित एक सतत निगरानी प्रणाली विकसित की है, जिससे स्टार्टअप्स की उत्पादकता, बाजार संपर्क और वित्तीय स्थायित्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उनके अनुसार, बीएयू का यह मॉडल अन्य कृषि विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. इस मॉडल के विकास में फैकल्टी इंचार्ज, डॉ. ऋचा कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने इन्क्यूबेटी न्यूचरिंग प्रोग्राम, इनोवेशन क्लीनिक्स और मेंटरशिप सीरीज के माध्यम से स्टार्टअप्स को व्यवसाय मॉडल, ब्रांडिंग और मूल्यवर्धन तकनीकों में परिपक्वता दी हैं.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी, डॉ. राजेश कुमार ने कहा, "बीएयू सबौर की यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्शाती है कि यदि संस्थान में नवाचार की संस्कृति को प्राथमिकता दी जाए, तो परिवर्तन न केवल संभव है, बल्कि प्रेरणादायी भी बन सकता है. इन्क्यूबेशन सेंटर की अंतिम पायदान से शीर्ष पर पहुंचने की यह यात्रा 'संघर्ष से सफलता' की जीवंत मिसाल है. "यह सफलता बीएयू के वैज्ञानिकों और प्रबंधन टीम की समर्पित भावना का परिणाम है. इससे यह संदेश जाता है कि बिहार अब नवाचार और कृषि उद्यमिता में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
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