कटरा में प्याज की खेती नहीं होतीप्याज एक ऐसी सब्जी है जो खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी मानी जाती है. कुछ लोगों को तो खाने के साथ कच्चा प्याज भी सलाद के तौर पर खाना काफी पसंद होता है. प्याज के दाम बढ़ जाएं तो लोग कहते हैं खाने का जायका ही चला गया. इसी वजह से सरकार ने इस बार अभी से प्याज के बफर स्टॉक की तैयारी शुरू कर दी है ताकि त्योहारी सीजन में अगर प्याज के दाम बढ़े तो सरकार उसमें दखल देकर कीमतों पर नियंत्रण कर सके. लेकिन इन सभी बातों से अलग हम आपको प्याज से जुड़ी एक और ऐसी बात बताएंगे जो शायद आपमें से ज्यादातर लोग ना जानते हों.
प्याज एक ऐसी चीज है जिसकी बिक्री बारहों महीने होती है. खरीफ और रबी खेती के दोनों ही सीजन में प्याज उगाई जाती है. मगर फिर भी भारत में ही एक जगह ऐसी है जहां प्याज की खेती बैन है. यहां ना तो प्याज की खेती होती है, ना प्याज खरीदी और बेची जाती है. यहां प्याज खाई भी नहीं जाती है. यहां के लोगों ने प्याज के बिना ही अपने जीवन को ढाल लिया है. यहां आकर कोई प्याज मांगता भी है तो उसे बेहद विनम्रता से मना कर दिया जाता है. ये जगह है कटरा.
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कटरा जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है. यहां से ही माता वैष्णो देवी की यात्रा की शुरुआत होती है. लाखों श्रद्धालुओं के लिए कटरा एक धार्मिक केंद्र है. यहां की पवित्रता और धार्मिक वातावरण को बनाए रखने के लिए यहां पर प्याज और लहसुन पर पूरी तरह बैन है. हिंदू धर्म की मान्यताओं में प्याज और लहसुन खाने पर निषेध है. यहां तक कि धार्मिक कर्मकांड, अनुष्ठान और पूजा-पाठ से जुड़े खान-पान में भी इस पर निषेध रखा जाता है.
इसी मान्यता के तहत कटरा में प्याज से जुड़ी कोई दुकान भी नहीं है. यहां की दुकानों पर प्याज की बिक्री भी नहीं होती है और न ही सब्जी मंडियों में यहां लाई जाती है. होटल और ढाबों में भी खानों में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता है. स्थानीय लोगों और प्रशासन दोनों का इस परंपरा को जारी रखने में बड़ा योगदान है. प्याज की बिक्री या खपत न हो इसको यहां सुनिश्चित किया जाता है.
अब आपको प्याज की खेती से जुड़ी अन्य जरूरी बातें भी बता देते हैं. प्याज की खेती भारत के कई राज्यों में होती है, जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रमुख हैं. प्याज की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता होती है. प्याज की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु ठंडी और सूखी होती है. प्याज की खेती के लिए उपजाऊ दोमट और बालुई मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जिसका pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. वैसे भारत में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में होता है, उसके बाद कर्नाटक, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्य आते हैं.
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