कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(APEDA) ने राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम(NPOP) के तहत प्रमाणित किए गए दो निर्यातकों से उनका प्रमाणीकरण रद्द कर दिया है. राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम की देखरेख करने के लिए अपीडा को नोडल एजेंसी बनाया गया है. लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए अपीडा ने दो निर्यातकों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है. प्रमाणीकरण रद्द करने का फैसला राष्ट्रीय प्रमाणीकरण निकाय की सब कमिटि के द्वारा लिया गया है. यह कमिटि अपीडा की देख-रेख में संचालित होती है. इसके अलावा छह प्रमाणीकरण करने वाले एजेंसियों के खिलाफ जुर्माना भी लगाया गया है. इसके अलावा एक निर्यातक को छह महीने तक के लिए हाई रिस्क कैटेगरी में रखा गया है.
इसके अलावा राष्ट्रीय प्रमाणीकरण निकाय ने कर्नाटक और राजस्थान के जैविक प्रमाणीकरण करने वाले एजेंसियों की भी खिंचाई की है. राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम के तहत काम को लेकर शिकायत मिलने और काम में लापरवाही बरतने के लिए कर्नाटक राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी के ऊपर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, वहीं राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी को एक लाख रुपये देने होंगे.
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इसे लेकर 23 नंवबर को सब कमिटि की एक बैठक आयोजित की गई थी. बैठक का फैसले की कॉपी 9 दिसंबको को अपीडा को भेजी गई. सब कमिटि के फैसेले के अनुसार रिलायेबल ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन ऑर्गेनाइजेशन (ROCO) और बाल्टिक टेस्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रमाणीकरण लाइसेंस को रद्द किया गया. रिलायेबल ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन ऑर्गेनाइजेशन पर एक साल और बाल्टिक टेस्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय जैविक प्रमाणिक कार्यक्रम के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए दोनों ही कंपनियों के ऊपर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. ROCO बेंगलुरु की कंपनी है जिसकी शुरुआत 2018 में की गई थी. जबकि बाल्टिक टेस्टिंग कंपनी डेनमार्क स्थित बाल्टिक कंट्रोल लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी है.
राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम के तहत इधर धन संबंधी बड़ी शिकायत मिलने के बाद आदिती ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेंड कंपनी और एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ऊपर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जबकि सीयू इंसपेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सब कमिटि की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि प्रमाणीकरण में चूक करने के आरोप में इकोसर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को एक चेतावनी पत्र जारी किया जाएगा. साल 2021 में यह पाया गया था कि आदिती ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेंड कंपनी, सीयू इंसपेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इकोसर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपीडा के नियमों का उल्लंघन किया था.
इन सबके अलावा राष्ट्रीय प्रमाणीकरण निकाय ने एलाइट ग्रीन प्राइवेट लिमिटेज के प्रमाणीकरण लाइसेंस को भी NPOP के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में खत्म कर दिया है और पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही आरपीएम एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड को हाइ रिस्क कैटेगरी में रखा और राष्ट्रीय प्रमाणीकरण निकाय ने यह भी आदेश जारी किया है कि इस कंपनी के चीनी कंसाइनमेट की जांच की जाए जो देश के बाहर भेजे जा रहे हैं.
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ट्रेड अनालिस्ट एस चंद्रशेखरन ने द बिजनेसलाइन से बात करते हुए कहा कि चूंकी आदिति ऑर्गेनिक और सीयू इंसपेक्शन ऐसी कंपनियां है जिनके खिलाफ लगातार नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत मिल रही है. इसलिए अब प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में भी सुधार करने की जरुरत है ताकि कोई भी कपंनी इस तरह की गलतियों को ना दोहरा सके. इस तरह के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए अब सरकार को तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपीडा अपने स्तर से बहुत प्रयास कर रही है पर इसके लिए दूसरे प्राधिकारण को नई तकनीके के इस्तेमाल को सीखना होगा.
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