बिहार सरकार के राजस्व विभाग में क्लर्क की नौकरी करने वाले मोहम्मद सकौल्लाह उर्फ मक्की भाई के जब बच्चे बड़े होने लगे और तो उनकी पढ़ाई पूरी करवाने में उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिससे बचने और आर्थिक समस्या को कम करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन जानकारी लेकर मध्य प्रदेश से 15 हजार रूपये का के कड़क नाथ मुर्गा का चुजा मंगवाया. जिसके बाद उन्होंने घर पर ही रख कर मुर्गीपालन का काम शुरू कर दिया.
इतना ही नहीं मक्की भाई मुर्गा फार्मिंग के अलावा बकरी पालन का काम भी करते हैं. मक्की भाई जितनी मेहनत से अपनी ड्यूटी करते है ठीक उसी तरह कड़क नाथ की फार्मिंग भी. इस बात का अंदाजा आप खुद तस्वीर देखकर इसका अंदाजा लगा सकते हैं.
आज के समय में मक्की भाई अपने रोजमर्रा के काम के साथ-साथ पशुपालन करके हर महीने लाखों रुपए कमा रहे हैं. मक्की भाई हर दिन ड्यूटी पर जाने से पहले इसका ख्याल रखते हैं और इस काम में उनकी पत्नी भी उनकी मदद करती हैं. 15 हजार रुपये की लागत से कड़क नाथ और वनराज मुर्गे का पालन करते हैं. और उनके अंडे, चूजे और मुर्गियां बेचकर 50 हजार रुपये प्रति माह की कमाई कर रहे हैं. इसके साथ ही वे एक बकरी और एक गाय भी पालते हैं. इस तरह मक्की भाई सरकारी नौकरी करते हुए घर में ही कड़कनाथ और बकरी पालन कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं.
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राजस्व विभाग में सरकारी नौकरी करने वाले मक्की भाई कहते हैं कि मैं न तो घुस कमाता हूं और न ही अपना समय बर्बाद करता हूं. हर दिन, सर्दी, गर्मी या बरसात के मौसम में, ड्यूटी पर जाने से पहले, मैं सुबह 4 बजे उठता हूं और उसी समय से फार्म की सफाई करता हूं. साथ ही मुर्गियों और बकरियों को खाना और पानी देता हूं. इसके साथ ही हरे चारे के लिए खेतों में भी दो घंटे काम करता हूं और रात 9 बजे तक ड्यूटी पर रहता हूं. पत्नी रोजमर्रा के काम संभालती है. फिर ड्यूटी से लौटने के बाद शाम 5:30 से 8 बजे तक काम करता हूं.
इस वजह से सर्दियों के दौरान कड़क नाथ अंडे की काफी मांग रहती है. गर्मियों में मैं इसी अंडे से चूज़े तैयार करता हूं. मैं इसके चूजों को मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, शिवहर, सीतामढी, समस्तीपुर और नेपाल तक सप्लाई करता हूं. जिस वजह से आज मुझे आर्थिक रूप से काफी सहयोग मिल रहा है. सालाना आय 50 हजार रुपये से ज्यादा है. आज मेरा बेटा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा है. पूरा परिवार अच्छे से रह रहा है.
इन अंडों की ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी डिमांड है जिसे हम पूरा करते हैं. उन लोगों से अपील है जो अपना समय बर्बाद करते हैं. वे लोग चाहें तो कम जगह में कड़क नाथ नस्ल के मुर्गों का पालन कर सकते हैं. जिसमें लागत भी कम लगती है और आमदनी भी अच्छी होती है. इस नस्ल की मुर्गियां कम बीमार पड़ती हैं. और इसके अंडों की कीमत अधिक होने के साथ-साथ मांग भी अधिक है. इसकी सप्लाई को लेकर कोई टेंशन नहीं है. तो आप कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं और इसके साथ-साथ अन्य काम भी कर सकते हैं.
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