इन छह राज्यों के किसान सावधान, घने कोहरे से चौपट हो सकती है आलू-टमाटर की फसल, तुरंत करें ये उपाय

इन छह राज्यों के किसान सावधान, घने कोहरे से चौपट हो सकती है आलू-टमाटर की फसल, तुरंत करें ये उपाय

अत्यधिक ठंड और पाला के कारण आलू, प्याज और टमाटर में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है. इसलिए अगर पौधों में इसके लक्षण दिखाई दें तो तुरंत पौधों के बचाव का उपाय करें. अभी देश के कई राज्यों में कोहरे का प्रकोप देखा जा रहा है.

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इन छह राज्यों के किसान सावधान, घने कोहरे से चौपट हो सकती है आलू-टमाटर की फसल, तुरंत करें ये उपायआलू की खेती

उत्तर भारत में जारी कड़ाके की ठंड के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में घना और घना से लेकर बहुत घना कोहरा छाने का अनुमान लगाया है. मौसम विभाग के अनुसार कोहरे और ठंड के कारण फसलों और सब्जियों पर असर पड़ सकता है. इसे लेकर आईएमडी की तरफ से सलाह जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि अगले 3-5 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिमी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, असम और मेघालय और मिजोरम और त्रिपुरा में खेतों में कीट और रोगों का प्रकोप सकता है. इसलिए इस दौरान खेतों की लगातार निगरानी करें. 

अत्यधिक ठंड और पाले के कारण आलू, प्याज और टमाटर में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है. इसलिए अगर पौधों में इसके लक्षण दिखाई दें तो तुरंत पौधों के संरक्षण का उपाय करें. त्रिपुरा में कोहरे और बादल के मौसम के कारण आलू पर ब्लाइट रोग लगने की संभावना है, इसलिए शाम को सिंचाई करें जिससे मिट्टी का तापमान बढ़ने में मदद मिल सकती है और कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. असम में, तापमान में उतार चढ़ाव और नमी के कारण आलू और टमाटर में लेट ब्लाइट रोग का प्रकोप हो सकता है. इसलिए इस बीमारी से पौधों को बचाने के लिए 0.25 प्रतिशत मैनकोज़ेब (10 लीटर पानी में 25 ग्राम) का छिड़काव करें.

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झुलसा रोग होने पर अपनाएं यह उपाय

पश्चिम बंगाल में, दिन के बढ़ते तापमान और सुबह के कोहरे के कारण बोरो चावल नर्सरी में ब्लास्ट संक्रमण हो सकता है. इससे बचाव के लिए डाइथेन एम-45 को 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी या ट्राइसाइक्लाज़ोल को 6 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें. उत्तर प्रदेश में नमी अधिक होने के कारण आलू और टमाटर में झुलसा रोग का संक्रमण हो सकता है. ऐसे में झुलसा रोग का लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी या डाइथेन-एम-45 को 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. राजस्थान में उच्च सापेक्ष आर्द्रता के कारण टमाटर में ब्लाइट का संक्रमण हो सकता है. इसका लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी या डाइ थेनएम-45 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. मध्य प्रदेश में कोहरे के मौसम और बढ़ी हुई आर्द्रता के कारण आलू और टमाटर की फसलें पिछेती झुलसा रोग से प्रभावित हो सकती हैं. नियंत्रण के लिए टेबुकोनाजोल 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. 

कटाई बुवाई और रोपाई को लेकर जारी सलाह

फसलों की बुवाई, रोपाई और कटाई को लेकर सलाह जारी करते हुए आईएमडी ने बताया है कि अगर लाल चना परिपक्व हो गया है तो उसकी कटाई करें. आंध्र प्रदेश में धान की नर्सरी में बुवाई और रोपाई करें, साथ ही तिल की बुवाई करें. तेलंगाना में किसान चावल और मक्के की रोपाई करें. इसके साथ ही हरा चना, काला चना, तरबूज और खरबूज की बुवाई भी किसान कर सकते हैं.

कर्नाटक में किसान पकी हुई अरहर, मिर्च, कॉफ़ी बीन्स, सुपारी, रागी और लोबिया की कटाई और टमाटर, मिर्च, बैंगन, बीन्स और तरबूज़ की बुवाई कर सकते हैं. उत्तराखंड में किसान प्याज की रोपाई कर सकते हैं. जम्मू और कश्मीर में आलू की कटाई और प्याज की रोपाई करें. तमिलनाडु और केरल में परिपक्व सांबा चावल और काली मिर्च की कटाई कर सकते हैं. असम में अगेती आहू चावल की नर्सरी बुवाई और बोरो चावल की रोपाई किसान कर सकते हैं.आंतरिक महाराष्ट्र में किसान कपास चुनने के साथ-साथ परिपक्व लाल चने की कटाई और नर्सरी में बुवाई कर सकते हैं.

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कीट एवं रोग प्रबंधन के उपाय

आईएमडी की सलाह के अनुसार आंध्र प्रदेश में, फली लगने की अवस्था में लाल चने में मारुका फली छेदक का प्रकोप हो सकता है. इसे नियंत्रित करने के लिए क्लोरपाइरीफोस को 2.5 मिली या नोवालुरोन को 1 मिली प्रति 1 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. उत्तराखंड में आलू में पिछेती झुलसा रोग के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. पंजाब में सरसों और राई के खेतों में अगर एफिड का संक्रमण अधिक हो गया है तो प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में थियामेथोक्साम 25 डब्लूजी या 40 ग्राम डाइमेथोएट 30 ईसी या 600 मिलीलीटर क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी का छिड़काव करें.

झारखंड में, आलू में अगेती और पछेती पत्ती झुलसा रोग के प्रबंधन के लिए मैंकोजेब 75 फीसदी WP को 600 ग्राम प्रति एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12 प्रतिशत + मैंकोजेब 63 को WP का 400 ग्राम प्रति एकड़ में छिड़काव करें. राजस्थान में चने में फली छेदक कीट से बचाव के लिए क्विनालफॉस 25 ईसी या मैलाथियान 50 प्रतिशत ईसी 1 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.


 

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